Vijayadashmi : दशहरे पर कर्नाटक विधानसभा एवं परिसर में बिना हल्दी-कुमकुम शस्त्र पूजा करें !

  • कर्नाटक की कांग्रेस सरकार का तुगलकी फरमान !

  • हल्दी-कुमकुम गलीचे पर गिरने से उसकी सुंदरता समाप्त होने का अद्भुत कारण बताया !

(प्रतिकात्मक छायाचित्र)

बैंगलूरू (कर्नाटक) – कर्नाटक के विधानसभा एवं परिसर में आगामी दशहरे पर शस्त्र-पूजा करते समय हल्दी-कुमकुम सहित किसी भी रासायनिक रंग का उपयोग न करें, यह आदेश कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने जारी किया है । कार्यालय में अथवा गलियारे में इनका उपयोग न करें, यह बात इस आदेश में कही गई है ।

शस्त्र पूजा के समय कार्यालय और गलियारे में रसायन मिश्रित हानिकारक रंगों का उपयोग करने से वे गलीचे पर गिरते हैं और अनेक महीने चिपके रहते हैं । इससे गलीचे का सौंदर्य नष्ट होता है । इसके पहले भी अनेक बार यह आदेश जारी किया गया था; परंतु उसका पालन न होने के कारण पुनः जारी किया जा रहा है । (यदि पहले दिए गए आदेश का पालन नहीं हो रहा था, तो सरकार के ध्यान में आना चाहिए था कि उसका आदेश अनुचित था ! – संपादक)

संपादकीय भूमिका 

  • हिन्दू धर्मानुसार बिना हल्दी-कुमकुम कोई पूजा नहीं हो सकती । केवल गलीचे पर पडने का कारण सरकार बताती होगी, तो इसे मुगलिया फरमान ही कहा जाएगा । हल्दी और कुमकुम नीचे न गिरे, ऐसा आदेश निकालने की बजाय उसके उपयोग पर ही रोक लगाना कोरी मूर्खता है !
  • ऐसे आदेशों के माध्यम से हिन्दुओं के त्योहार मनाने की परंपराओं को ही नष्ट करने का कुचक्र रचा जा रहा है, इसे समझिए ! इस प्रकार का आदेश अन्य धर्मियों के त्योहारों के संबंध में बीते ७६ वर्षों में कांग्रेस ने कभी जारी किया था ?