तमिलनाडु का पर्वत जिस पर प्राचीन हिन्दू मंदिर है, उसका ईसाई नामांतरण करने की मांग का हिन्दुओं ने किया विरोध !
इरोड (तमिलनाडु) – स्थानीय ईसाइयों द्वारा, इरोड जिले में जिस पर्वत पर चेन्नीमलाई मुरुगन मंदिर है, उसका नाम बदलकर ‘येसु मल्ल’ या ‘कलवरी मल्ल’ करने की मांग करने से विवाद उत्पन्न हो गया है। इस मांग के विरुद्ध हिन्दू मुन्नानी संगठन के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है । इस संगठन का दावा है कि ‘ईसाई संगठनों को राजनीतिक नेताओं का समर्थन प्राप्त है ।’ नामांतरण करने की मांग के विरुद्ध हिन्दुओं ने पदयात्रा का आयोजन किया है और यह पदयात्रा १३ अक्टूबर को मंदिर पहुंचेगी ।
१. कहा जाता है कि इस पर्वत पर स्थित मंदिर का इतिहास ३ सहस्र वर्ष पुराना है । यहां भगवान श्री मृगा का मंदिर है । यह क्षेत्र मुख्य रूप से हिन्दू है; किन्तु इस क्षेत्र में ईसाइयों द्वारा धर्म प्रचार के लिए अनौपचारिक रूप से प्रार्थना का आयोजन किया जाता है, जिसमें नगर के बाहर से नागरिक आते हैं । इससे यहां तनाव उत्पन्न हो गया है। इन प्रार्थनाओं के समय ध्वनिवर्धकों द्वारा हिन्दू देवताओं का अपमान किया जाता है ।
२. १७ सितंबर को भा.ज.पा. और हिन्दू मुन्नानी संगठन के पदाधिकारी इन प्रार्थना सभाओं का विरोध करने के लिए एक साथ आए थे । इससे वाद-विवाद व धक्का-मुक्की हुई । इसके विरुद्ध पुलिस में आरोप प्रविष्ट कराए गए । २६ सितंबर को हुई इस घटना के उपरांत रिवोल्यूशनरी यूथ फ्रंट, विदुथलाई चिरुथिगल काची, एम.डी.एम.के. आदि संगठनों ने मोर्चा निकाला था । इस आंदोलन ने पर्वत का नाम बदलकर चेन्निमलाई मुरुगन मंदिर करने की मांग की गई । इससे क्षेत्र में तनाव बहुत बढ गया।
संपादकीय भूमिकाहिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता क्यों है ?, हिन्दुओं को कब ध्यान में आएगा कि ऐसी घटनाएं निरंतर यही दर्शा रही हैं ? |