अक्टूबर के अंत तक गगनयान मुहिम का परीक्षण
बेंगलुरु (कर्नाटक) – गगनयान मुहिम के अंतर्गत भारत की ओर से अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा । इस संबंध में भारतीय अंतरिक्ष शोध संस्था की ओर से (‘इसरो’ की ओर से) अक्टूबर माह के अंत में ‘क्रू एस्केप सिस्टम’ का परीक्षण किया जाने वाला है । ‘क्रू एस्केप सिस्टम’ अर्थात गगनयान मुहिम के समय कोई भी समस्या उत्पन्न होने पर रॉकेट में बैठे अंतरिक्ष यात्री को पृथ्वी पर सुरक्षित पहुंचा सकेंगे ।
इस परीक्षण के विषय में इसरो के विशेषज्ञ और ‘इसरो इनर्शिअल सिस्टम यूनिट’ के संचालक पद्मा कुमार ने कहा कि, क्रू एस्केप सिस्टम अंतरिक्ष यात्री को राॅकेट से दूर ले जाएगा । इस प्रणाली के परीक्षण के लिए परीक्षण वाहन तैयार किया गया है । गगनयान मुहिम अगले वर्ष के प्रारंभ में शुरू किया जाने वाला है । मानव रहित योजना अर्थात अंतरिक्ष में मानव नहीं भेजा जाएगा । मानव रहित मुहिम की सफलता के उपरांत एक मानव युक्त परियोजना होगी, जिसमें मानव अंतरिक्ष में जाएगा ।
Mission Gaganyaan:
ISRO to commence unmanned flight tests for the Gaganyaan mission.Preparations for the Flight Test Vehicle Abort Mission-1 (TV-D1), which demonstrates the performance of the Crew Escape System, are underway.https://t.co/HSY0qfVDEH @indiannavy #Gaganyaan pic.twitter.com/XszSDEqs7w
— ISRO (@isro) October 7, 2023
तीन अंतरिक्ष यात्री ४०० किलोमीटर की दूरी तक जाएंगे और ३ दिनों में वापस आएंगे !
‘गगनयान’ में ३ सदस्यों का दल ३ दिनों की मुहिम के लिए पृथ्वी से ४०० किलोमीटर ऊपर कक्षा में भेजा जाएगा । इसके उपरांत उनका यान समुद्र में सुरक्षित उतरा जाएगा । यदि भारत इस योजना में सफल हुआ, तो ऐसा करने वाला भारत चौथा देश होगा । इसके पहले अमेरिका, चीन और रूस ने यह सफलता प्राप्त की है । गगनयान मुहिम के लिए लगभग ९ सहस्र करोड रुपए का प्रावधान किया गया है ।