सीतापुर (उत्तर प्रदेश) में मुहम्मद पैगंबर के जन्मदिन के उपलक्ष्य में निकाली गई शोभायात्रा के समय हिन्दुओं पर पथराव !

  • ५ धर्मांध मुसलमानों को बनाया बंदी !

  • हिन्दुओं के घर में घुस कर महिलाओं से अश्लील बर्ताव !

  • मुसलमानों के हिन्दुओं के विरोध में हिंसाचार का पूर्वनियोजित षड्यंत्र होने का हिन्दुओं का आरोप !

(प्रतिकात्मक छायाचित्र)

सीतापुर (उत्तर प्रदेश) – मुसलमानों के प्रेषित मुहम्मद पैगंबर की जन्मतिधि के उपलक्ष्य में मनाई जानेवाली ईद के समय देश के विविध स्थानों पर हिंसाचार हुआ । ऐसी ही एक घटना राज्य के सीतापुर जिले के अंतर्गत सदरपुर के बनवीरपुर गांव में हुई । गांव में मुसलमानों द्वारा निकाली गई शोभायात्रा प्रतिवर्ष जिस मार्ग से जाती थी, वहां से न जाते हुए अन्य मार्ग से गई । इस पर परिसर के हिन्दुओं ने उनसे पूछा तो धर्मांध मुसलमान उनसे वाद-विवाद करने लगे । उन्हें अपशब्द कहे और उन्हें मारा-पीटा ।

१. कुछ ही देर में इस प्रसंग का दंगे में रूपांतर हो गया । धर्मांध मुसलमानों ने हिन्दुओं पर पथराव आरंभ कर दिया । इस घटना का वीडियो सामाजिक माध्यमों से प्रसारित हुआ है । वीडियो के आधार पर ५ मुसलमानों को बंदी बनाया गया है और २५ अज्ञात लोगों के विरोध में अपराध प्रविष्ट किया है ।

२. पीडित हिन्दुओं ने पुलिस में शिकायत की है और उनका कहना है कि इस शोभायात्रा के माध्यम से हिन्दुओं पर आक्रमण करने का मुसलमानों का पूर्वनियोजित षड्यंत्र था । उन्होंने पहले से ही अपने-अपने घरों में पत्थर और ईंटें जमा कर रखी थीं ।

३. धर्मांधों ने हिन्दुओं के घरों में घुसकर महिलाओं से अश्लील व्यवहार भी किया । इन सभी प्रकारों के कारण परिसर में तनाव और हिन्दुओं में आतंक फैल गया ।

५ धर्मांध मुसलमानों को बनाया बंदी

४. इस प्रकरण में सलीम, पुत्तान, इश्तियाक, सानू, अइतुल्ला, सैमुल्ला, रहीम, गुफरान, शीबू, मोइन, कादिर के विरोध में अपराध प्रविष्ट करने के साथ ही अन्य २५ अज्ञात लोगों के विरोध में भी अपराध प्रविष्ट हुआ है ।

संपादकीय भूमिका 

देश के अन्य राज्यों में नहीं, अपितु धर्मांध मुसलमानों के विरोध में कठोर कार्रवाई करनेवाले आदित्यनाथ की जहां सत्ता है, उस उत्तरप्रदेश में ही इसप्रकार मुसलमान हिंसाचार कर रहे हैं; इससे ध्यान में आता है कि उनकी उद्दंडता किस स्तर तक पहुंच गई है । ऐसों पर अंकुश लगाने के लिए केवल ‘बुलडोजर’ पर्याप्त नहीं; अपितु उनके अर्थार्जन के साधनों पर भी प्रतिबंध लगाया जाए, ऐसी मांग कोई करे तो इसमें गलत क्या है ?