युवा पीढियों पर तामसिक संस्कार होने का कारण !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी

‘सात्त्विक चित्रकार देवता के सात्त्विक चित्र बनाते हैं इसके विपरीत एम. एफ. हुसेन जैसे तामसिक चित्रकार देवता के नग्न, तामसिक चित्र बनाते हैं । इसमें आश्चर्य इतना ही है कि मृतवत हिन्दुओं ने इसके विषय में अनेक वर्षों तक कुछ नहीं किया । इस कारण आगामी पीढियों पर उस प्रकार के संस्कार हुए !’

✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक