शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन समिति भारत पर लगाए गए ट्रूडो के आरोपों का समर्थन करती है !
प्रस्ताव भी स्वीकृत !
अमृतसर (पंजाब) – कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया है । पंजाब की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (एस.जी.पी.सी.) ने इन आरोपों का समर्थन किया है । एस.जी.पी.सी. ने इस संबंध में एक प्रस्ताव भी पारित किया है ।
🚨 SGPC expresses concern over Canada’s allegations against India 🇮🇳🇨🇦
– PM Trudeau’s statements shouldn’t be dismissed
– Condemns hate propaganda against Sikhs
– Urges Indian govt to take action against those tarnishing Sikhs’ imagehttps://t.co/75R7KUCVBB
— Swarajya (@SwarajyaMag) September 26, 2023
१. एस.जी.पी.सी. ने ट्वीट में कहा कि आज (२५ सितंबर, २०२३) उसकी कार्यकारिणी बैठक में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा उनकी संसद में लगाए गए आरोपों पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई । वहां के निवासी सिक्ख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के प्रकरण में भारतीय शासनतंत्र के अधिकारी सम्मिलित हैं । (क्या शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के पास इस संबंध में कोई साक्ष्य हैं ? यदि नहीं, तो उसे इसके लिए क्षमायाचना करनी चाहिए और यदि नहीं, तो सरकार को इस समिति के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए ! – संपादक)
२. एस.जी.पी.सी. कार्यकारिणी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि संसद में कनाडा के प्रधानमंत्री का वक्तव्य देना सामान्य बात नहीं है । भारतीय संस्थानों के विरुद्ध ट्रूडो के आरोपों को राजनीति से परे सत्यापित किया जाना चाहिए तथा तथ्य जनता के समक्ष लाए जाने चाहिए । यदि राजनीतिक कारणों से प्रकरण को दबाया गया तो इसे मानवाधिकार अन्याय माना जाएगा । इस पूरी घटना के उपरांत सभी प्रसार माध्यम एवं सामाजिक माध्यम साभिप्राय सिक्खों तथा पंजाब के विरुद्ध घृणा फैला रहे हैं । भारत सरकार को इस प्रकरण को गंभीरता से लेना चाहिए तथा सिक्खों की छवि खराब करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए । सिक्ख समाज सभी धर्मों का सम्मान करता है । वर्तमान समय में समाज को बांटने का प्रयास किया जा रहा है ।
संपादकीय भूमिकाभारत सरकार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन समिति से स्पष्टीकरण मांगना चाहिए, जो भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाने वालों का समर्थन करती है ! खालिस्तानी आतंकवाद के पक्ष में बोलने वाली इस समिति की जांच की जानी चाहिए एवं यदि इसमें खालिस्तानी विचारधारा वाले लोग पाए जाते हैं तो उनके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए । |