कनाडा के खालिस्तानी आतंकियों को भारत के गुंडों से मिले करोडो रुपए

  • ‘एन.आइ.ए.’ के आरोपपत्र में इसका स्पष्टीकरण !

  • वर्ष २०१९ से २०२१ इन वर्षों में भारत ने हवाला के माध्यम से न्यूनतम १३ बार कनाडा में अत्यधिक राशि भेजी !

(हवाला अर्थात दक्षिण एशियाई देशों में धन हस्तांतरित करने की पारंपारिक पद्धति । इसमें एजेंट को धन देकर उसके द्वारा संबंधित लोगों तक धन पहुंचाया जाता है । )

नई देहली – कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने भारत पर हरदीप सिंह निज्जर नामक खलिस्तानी आतंकवादी की हत्या के संदर्भ में लगाए गए आरोप के पश्चात राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्र खालिस्तानवादियों के विरुद्ध साहस के साथ खडा हुआ है । तंत्र ने भारत के खालिस्तानी आंदोलन की जडतक जाने का कार्य हाथ में लिया है । इस संदर्भ में उनके द्वारा प्रविष्ट किए गए आरोप पत्र में स्पष्टीकरण दिया गया है । तंत्र ने आरोप पत्र में कहा है कि भारत ने कनाडा के खालिस्तानियों को हवाला के माध्यम से धन की आपूर्ति की है ।

१. आरोपपत्रानुसार वर्ष २०१९ से २०२१ इन ३ वर्षों की कालावधि में भारत ने न्यूनतम १३ बार कनाडा एवं थाईलैंड में हवाला के माध्यम से धनापूर्ति की है। उसमें ५ लाख से ६० लाख तक रुपए तक की धनराशि अंतर्भूत है ।

२. इस आरोपपत्र में प्रस्तुत किया गया है कि यह धन लौरेंस बिष्णोई के माध्यम से कनाडा के खालिस्तानवादियों तक पहुंचाया गया । साथ ही ‘बब्बर खालसा इंटरनेशनल’ खालिस्तानी संगठन का प्रमुख लखबीर सिंह लांडा की सहायता से बिष्णोई ने ये सारा धन हस्तांतरित (ट्रांसफर) किया है ।

३. दंड, अनधिकृत मद्यविक्रय तथा हथियारों की तस्करी द्वारा प्राप्त धन लॉरेंस बिष्णोई के साथी गोल्डी ब्रार तथा सतबीर सिंह अर्थात सैम इन दोंनों के पास पहले हस्तांतरित(ट्रांसफर) होता था । वहां से वह कनाडा के अन्य संगठनों को दिया जाता था ।

४. ‘एन.आइ.ए.’ के आरोपपत्र में कहा गया है कि हवाला के माध्यम से कनाडा में पहुंचा यह धन खलिस्तानी आंदोलकों के प्रमुखों के माध्यम से चित्रपट निर्मिति तथा ‘कनाडा प्रीमियम लीग’ समान स्पर्धाओं में प्रयोग किया गया है ।

५. वर्ष २०२० में गोल्डी ब्रार को दो बार २० लाख रुपए भेजे गए, तो सैम को कुल मिलाकर ५० लाख रुपए भेजे गए । वर्ष २०२१ में गोल्डी ब्रार को प्रति माह २ लाख रुपए भेजे गए । साथ ही ब्रार एवं सैम, प्रत्येक को ६० लाख रुपए भेजे गए । इस वर्ष सैम को दो बार और ४० लाख तथा २० लाख रुपए भेजे गए हैं ।

संपादकीय भूमिका 

  • कनाडा द्वारा भारत के विरुद्ध अत्यंत गंभीर आरोप लगाने के पश्चात भी कनाडा के लिए भारत को उसका एक भी प्रमाण देना संभव नहीं हुआ । दूसरी ओर भारत ने कनाडा के खलिस्तानवादी आतंकवादियों के विरुद्ध आरोपपत्र प्रविष्ट किया है । इससे क्या कनाडा इन खालिस्तानियों के विरुद्ध कानून का डण्डा उठाएगी ?
  • इन खालिस्तानियों को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए अब भारत को दृढ निश्चय कर लेना चाहिए !