कनाडा के खालिस्तानी आतंकियों को भारत के गुंडों से मिले करोडो रुपए
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(हवाला अर्थात दक्षिण एशियाई देशों में धन हस्तांतरित करने की पारंपारिक पद्धति । इसमें एजेंट को धन देकर उसके द्वारा संबंधित लोगों तक धन पहुंचाया जाता है । )
नई देहली – कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने भारत पर हरदीप सिंह निज्जर नामक खलिस्तानी आतंकवादी की हत्या के संदर्भ में लगाए गए आरोप के पश्चात राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्र खालिस्तानवादियों के विरुद्ध साहस के साथ खडा हुआ है । तंत्र ने भारत के खालिस्तानी आंदोलन की जडतक जाने का कार्य हाथ में लिया है । इस संदर्भ में उनके द्वारा प्रविष्ट किए गए आरोप पत्र में स्पष्टीकरण दिया गया है । तंत्र ने आरोप पत्र में कहा है कि भारत ने कनाडा के खालिस्तानियों को हवाला के माध्यम से धन की आपूर्ति की है ।
खालिस्तानियों पर जांच एजेंसियों की पैनी नजर, हवाला के जरिए कनाडा भेजे गए करोड़ों रुपये, अब होगा एक्शन#NIAAction #Khalistanis #Canadahttps://t.co/wHsd8xTSFv
— India TV (@indiatvnews) September 25, 2023
१. आरोपपत्रानुसार वर्ष २०१९ से २०२१ इन ३ वर्षों की कालावधि में भारत ने न्यूनतम १३ बार कनाडा एवं थाईलैंड में हवाला के माध्यम से धनापूर्ति की है। उसमें ५ लाख से ६० लाख तक रुपए तक की धनराशि अंतर्भूत है ।
२. इस आरोपपत्र में प्रस्तुत किया गया है कि यह धन लौरेंस बिष्णोई के माध्यम से कनाडा के खालिस्तानवादियों तक पहुंचाया गया । साथ ही ‘बब्बर खालसा इंटरनेशनल’ खालिस्तानी संगठन का प्रमुख लखबीर सिंह लांडा की सहायता से बिष्णोई ने ये सारा धन हस्तांतरित (ट्रांसफर) किया है ।
३. दंड, अनधिकृत मद्यविक्रय तथा हथियारों की तस्करी द्वारा प्राप्त धन लॉरेंस बिष्णोई के साथी गोल्डी ब्रार तथा सतबीर सिंह अर्थात सैम इन दोंनों के पास पहले हस्तांतरित(ट्रांसफर) होता था । वहां से वह कनाडा के अन्य संगठनों को दिया जाता था ।
४. ‘एन.आइ.ए.’ के आरोपपत्र में कहा गया है कि हवाला के माध्यम से कनाडा में पहुंचा यह धन खलिस्तानी आंदोलकों के प्रमुखों के माध्यम से चित्रपट निर्मिति तथा ‘कनाडा प्रीमियम लीग’ समान स्पर्धाओं में प्रयोग किया गया है ।
५. वर्ष २०२० में गोल्डी ब्रार को दो बार २० लाख रुपए भेजे गए, तो सैम को कुल मिलाकर ५० लाख रुपए भेजे गए । वर्ष २०२१ में गोल्डी ब्रार को प्रति माह २ लाख रुपए भेजे गए । साथ ही ब्रार एवं सैम, प्रत्येक को ६० लाख रुपए भेजे गए । इस वर्ष सैम को दो बार और ४० लाख तथा २० लाख रुपए भेजे गए हैं ।
संपादकीय भूमिका
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