कहां किसान और कहां सरकारी कर्मचारी !
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘किसानों के लिए छुट्टी नहीं है । वे सप्ताह के सातों दिन खेत में परिश्रम करते हैं, तब भी गरीब हैं । इसके विपरीत सरकारी कर्मचारी सप्ताह के पांच दिन ही काम करते हैं, परिश्रम नहीं; तब भी ‘गरीबी क्या है’, यह उन्हें ज्ञात नहीं ।’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक