भारत ने कैनडा के नागरिकों के लिए रोक दी वीसा सेवा !
कैनडा की भारतविरोधी नीतियों पर भारत की आक्रमक भूमिका !
(वीसा अर्थात विदेशी नागरिकों को देश में कुछ अवधि के लिए वास्तव्य करने की अनुमति देना)
ओटावा (कैनडा) – कैनडा में हुए खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कैनडा एवं भारत में चल रहे वाद-विवाद से अब भारत ने कैनडा के नागरिकों को वीसा देने पर फिलहाल रोक लगाने की घोषणा की है । कैनडा के वीसा केंद्र के जालस्थल पर सूचना दी गई है कि ‘अगली सूचना मिलने तक यह सेवा स्थगित रहेगी !’ इसकारण कैनडा से भारत में आनेवाले भारतीय और कैनडा के नागरिक भारत नहीं आ पाएंगे ।
India suspends visa services for Canadians.
PM #JustinTrudeau’s allegation of India’s role in Khalistani leader #HardeepSinghNijjar’s death heightened the tensions and triggered a diplomatic row.
Oppn leaders in Canada are questioning PM Justin Trudeau for proof to support… pic.twitter.com/puMF5F08XV
— TIMES NOW (@TimesNow) September 21, 2023
(और इनकी सुनिए.. ) ‘हमारा देश पूर्णरूप से सुरक्षित है !’ – कैनडा के मंत्री लेबनेक
इससे पूर्व कैनडा ने अपने नागरिकों को भारत के जम्मू-कश्मीर, असम, मणिपुर आदि भागों में न जाने की सलाह दी थी । उसपर भारत ने भी इसीप्रकार की सलाह प्रसारित कर कैनडा के भारतीयों को सतर्क रहने के लिए कहा । तदुपरांत कैनडा ने रात देर से भारत की सलाह अस्वीकार कर, कैनडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डॉमिनिक लेब्लेन ने प्रसारमाध्यमों को बताया कि उनका देश पूर्णरूप से सुरक्षित है । (कैनडा यदि सुरक्षित होता, तो भारत के दूतावास और हिन्दुओं के मंदिरों पर आक्रमण नहीं हुए होते । इसके साथ ही अब खालिस्तानी आतंकवादी संगठन द्वारा हिन्दुओं को कैनडा छोडकर जाने की धमकी न दी गई होती ! – संपादक)
खालिस्तानी आतंकवादी संगठन की धमकी पर हिन्दू संगठन ने ट्रुडो सरकार को लिखा पत्र !
खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कैनडा में रहनेवाले हिन्दुओं को देश छोडने की धमकी दी थी । इस पर कैनडा के ‘हिन्दू फोरम कैनडा’ इस हिन्दू संगठन ने जस्टिन ट्रुडो सरकार को पत्र लिखा है । सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डॉमिनिक लेब्लेन को लिखे इस पत्र में कहा है कि पन्नू ने अपने और उसके खालिस्तानी सहयोगियों के मत स्पष्टरूप से व्यक्त किए हैं । उनकी विचारधारा से जाे भी असहमत हैं, उन लोगों को लक्ष्य (टार्गेट) करना है । कैनडा की सरकार को इसका गंभीरता से विचार करना चाहिए । इस पत्र में ऐसा प्रश्न किया है कि क्या पन्नू के ये विधान अभिव्यक्तिस्वतंत्रा के रूप में स्वीकारे जाएंगे ?