तमिलनाडु में श्री गणेशमूर्ति की कुछ पाठशालाओं में प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने ताले लगाए !

  • प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति होने से कार्रवाई होने का मंडल ने किया दावा 

  • मूर्तियां पानी में गलनेवाली (विलीन होने वाली) होने की मूर्तिकारों ने दी जानकारी !

चेन्नई (तमिलनाडु) – तमिलनाडु की द्रमुक दल की (द्रविड मुन्नेत्र कडघम) सरकार ने राज्य में श्री गणेश चतुर्थी के अवसर पर जहां श्री गणेशजी की मूर्तियां बनाई जा रही थीं,  उनमें से कुछ स्थानों पर ताले लगाना आरंभ कर दिया है । श्री गणेश चतुर्थी ३ दिनों के उपरांत है, ऐसे में इस प्रकार से कार्रवाई की जा रही है, इसलिए हिन्दुओं ने क्रोध प्रकट किया है । राज्य के करूर में सुंगागेट क्षेत्र के राज्य के प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने मूर्ति बानाने के स्थान बंद कर दिए हैं । ‘यहां प्रदूषण हो रहा है’, ऐसा कहते हुए यह कार्रवाई की गई है । प्रदूषण मंडल ने राजस्व (महसूल) विभाग एवं पुलिस के साथ यहां अचानक सर्वेक्षण कर ये स्थान बंद कर दिए हैं । अनुमानत: यहां ४०० गणेश मूर्तियां थी । मंडल ने कहा कि ये मूर्तियां प्लास्टर ऑफ पैरिस से निर्मित की गई हैं, ऐसा परिवाद मिलने पर यह कार्रवाई की गई है । सामाजिक माध्यमों से इस कार्रवाई का वीडियो प्रसारित हो रहा है । सामाजिक माध्यमों द्वारा इस घटना का विरोध भी किया जा रहा है ।

भाजपा के कार्यकर्ता की मूर्तिशाला को भी ताले लगाए थे !

कुछ दिन पूर्व तेनकासी में एक मूर्तिशाला पर छापेमारी कर उसके मालिक भाजपा के कार्यकर्ता पर अपराध प्रविष्ट किया गया था । ये मूर्तियां प्लॉस्टर ऑफ पैरिस की हैं, ऐसा आरोप लगाया गया था । इस समय एक मूर्तिकार ने कहा, ये मूर्तियां गलनेवाली मिट्टी से बनाई गई हैं; ऐसा कहने के उपरांत भी कार्रवाई की गई थी ।

‘मूर्ति से प्रदूषण नहीं होता है’, ऐसा कहने पर भी कार्रवाई

मूर्ति बनानेवाले एक मूर्तिकार का वीडियो प्रसारित हुआ है, जिसमें वह कह रहा है कि हम पिछले १० वर्षों से मूर्तियां बना रहे हैं । इस के लिए जो सामग्री चयन करते हैं, वह पानी में गल (विलीन) जाती है । हम जिन रंगों का प्रयोग करते हैं, वे नैसर्गिक हैं एवं उनमें पानी के रंग हैं । उनमें किसी भी रसायन का प्रयोग नहीं किया गया है । प्रदूषण मंडल के अधिकारियों ने मूर्तियों की जांच की थी । उन्होंने कहा था, ‘मूर्तियों की गुणात्मकता अच्छी नहीं है’, ऐसा कहकर मूर्तिशाला को ताला लगा दिया, यहां १७० मूर्तियां थीं । ऋण पर राशि लेकर १० लाख रुपए लगाए थे ।

इस समय एक महिला ने कहा कि इतने वर्षों से हम मूर्तियां बना रहे हैं; परंतु कभी भी ऐसी कार्रवाई नहीं हुई थी । यदि उन्होंने हमें २० दिन पूर्व कहा होता, तो हम ये मूर्तियां अन्य राज्यों में ले गए होते ।

हिन्दुओं का व्यवसाय नष्ट करने का प्रयास ! – भाजपा

तमिलनाडु के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के. अण्णामलाई ने इस घटना पर तमिलनाडु सरकार की आलोचना की है । अण्णामलाई ने कहा कि हमारे उत्सवों पर जीवन-यापन करनेवालों के व्यवसाय नष्ट करने के प्रयास कर द्रमुक सरकार सनातन धर्मियों की भावनाएं आहत कर रही है, साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था की भी हानि कर रही है ।

द्रमुक सनातन धर्म के विरुद्ध प्रत्येक सीमा लांघ चुकी है ! –  स्थानीय हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन

स्थानीय हिन्दू संगठनों का कहना है कि हमने १२० गणेश मूर्तियों की मांग की थी । परंतु अब अचानक मूर्तिशाला को ताले लगा दिए गए हैं । यह हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करने का षड्यंत्र है । द्रमुक सनातन धर्म के विरुद्ध प्रत्येक सीमा लांघ चुकी है ।

संपादकीय भूमिका 

  • सनातन धर्म को नष्ट करने का ध्येय रखनेवाली तमिलनाडु की द्रमुक सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर जानबूझकर ऐसी कार्रवाई की जा रही है, तो उसमें आश्‍चर्य लगने जैसा कुछ नहीं है !
  • जलस्रोत में रसायन छोडकर पानी प्रदूषित करनेवाले कारखानों पर क्या प्रदूषण मंडल ने इसी प्रकार से तुरंत कार्रवाई की होती ?