(और इनकी सुनिए…) ‘सनातन धर्म डेंगू के बुखार समान है, इसे नष्ट करना चाहिए ! – प्रकाश राज

उदयनिधि, ए. राजा के उपरांत अब अभिनेता प्रकाश राज का विधान !

अभिनेता प्रकाश राज

बेंगलुरु (कर्नाटक) – सनातन धर्म डेंगू के बुखार जैसा है और इसे नष्ट करना चाहिए, ऐसा विधान अभिनेता प्रकाश राज ने किया । वह राज्य के कलबुर्गी में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे । इसके पहले तमिलनाडु के क्रीडामंत्री उदयनिधि स्टालिन ने भी इसी प्रकार का विधान किया था ।

प्रकाश राज ने आगे कहा कि,

१. डॉ. अंबेडकर के कारण छुआछूत समाप्त हुई, तो भी देश में अभी भी छुआछूत की मानसिकता शेष है । (प्रकाश राज सनातन घृणा की मानसिकता अपना रहे हैं, जिसे वे कब नष्ट करेंगे, यह उन्हें पहले बताना चाहिए ! – संपादक)

२. कर्नाटक में एक महिला ने मुसलमान बसवाहक को उसने पहनी गोल टोपी निकालने के लिए कहा । कल को उसने गले में माला पहनी, तो आप उसे बसवाहक के रूप में देखेंगे या भक्ति के रूप में ? कल बसचालक हनुमान टोपी पहनेगा और ‘बस अच्छे से रहने दे’ इसलिए प्रार्थना भी करेगा, ऐसी उपरोधिक टिप्पणी उन्होंने की ।

३. सभी को अपने धर्म का पालन करना चाहिए । देश को जीवित रखना है ना ? समाज में सभी को रहना है । (एक ओर ऐसा कहना और दूसरी ओर सनातन धर्म नष्ट करने का विधान करना, यह दोहरी नीति है ! – संपादक)

४. श्रीरामनवमी के चल समारोह में १८ वर्ष के युवक हाथ में चाकू और तलवार लेकर चलते हैं । यह देखकर मुझे बहुत दु:ख होता है । उन्हें रोजगार और उनके सपनों के विषय में विचार करना चाहिए । मुझे आश्चर्य होता है कि, उनका बुद्धिभेद (माइंड वाॅश) किसने किया ? (हिन्दुओं के धार्मिक चल समारोह पर मस्जिदों से आक्रमण होते हैं, हिन्दुओं की हत्या की जाती है, जिहादी आतंकवाद द्वारा हिन्दुओं को जान से मारा जाता है, इस विषय में प्रकाश राज को कभी दु:ख कैसे नहीं होता ? मस्जिदों में मुसलमानों का माइंड वाॅश कर उन्हें आतंकवादी बनाया जाता है, ऐसा उजागर होते हुए भी इस विषय में प्रकाश राज कभी क्यों नहीं बोलते ? – संपादक)

प्रकाश राज के कार्यक्रम का हिन्दू संगठनों द्वारा विरोध !

इस कार्यक्रम के पहले स्थानीय हिन्दू संगठनों ने प्रकाश राज के कार्यक्रम का विरोध किया । संगठनों के कार्यकर्ताओं ने काले कपडे पहन कर और काले झंडे फहरा कर प्रकाश राज का निषेध करते हुए उनके विरोध में नारेबाजी भी की । पुलिस ने बाद में इन कार्यकर्ताओं को बंदी बनाया । कार्यकर्ताओं ने इसके पहले जिलाधिकारी को निवेदन देकर ‘प्रकाश राज को कलबुर्गी में प्रवेश न दें’, ऐसी मांग की ।

संपादकीय भूमिका

  • प्रकाश राज को ही इसके पहले डेंगू को नष्ट करके दिखाना चाहिए ! मुंह है इसलिए इस प्रकार के विधान किया जा रहे हैं । सनातन धर्म को मानने वाले सहिष्णु होने के कारण वे कानून हाथ में लेकर ऐसों को सबक नहीं सिखाते !
  • अन्य धर्म को मानने वाले जिहाद के नाम पर जो कुछ करते हैं, इस विषय में प्रकाश राज जैसे लोग कभी भी मुंह नहीं खोलते; कारण मूर्ति पूजकों को जान कर करने के लिए बताने वाला धर्म उनको अमृत जैसा लगता है !
  • हिन्दुत्वनिष्ठों के विरोध में कथित घृणित भाषण (हेट स्पीच) करने पर अपराध प्रविष्ट करने वाली पुलिस स्टालिन, प्रकाश राज आदि के घृणित और भडकाऊ वक्तव्य के विषय में एक भी शब्द नहीं निकालती तथा उनके विरोध में अपराध भी प्रविष्ट नहीं करती, यह ध्यान में लें !