केरल के ईसाई पादरी द्वारा भगवान अय्यप्पा के ‘व्रतम’ का पालन करने के कारण चर्च कुपित !

चर्च द्वारा स्पष्टीकरण मांगते ही पादरी ने चर्च का पहचान पत्र और अनुमति वापस की !

पादरी रेव मनोज के. जी.

तिरुअनंतपुरम (केरल) – केरल के एक ईसाई पादरी ने प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में भगवान अय्यप्पा के ४१ दिनों के ‘व्रतम’ का पालन करने के कारण चर्च ने उन्हें कठोर शब्दों में फटकारा। तदुपरांत पादरी ने चर्च का पहचान पत्र और अनुमति लौटा दी । ‘एंग्लिकन चर्च ऑफ इंडिया’ के पादरी रेव मनोज के. जी. ४१ दिन चलनेवाले व्रतम का पालन कर रहे हैं ।

चर्च को इस विषय में ज्ञात होने पर चर्च ने पादरी रेव मनोज के. जी. द्वारा चर्च के सिद्धांतों और नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए चर्च ने उन्हें स्पष्टीकरण देने के लिए कहा। पादरी ने स्पष्टीकरण देने के स्थान पर चर्च द्वारा दिया पहचान पत्र और अनुमति लौटा दी। पादरी मनोज ने कहा, “मेरा कार्य चर्च के सिद्धांतों पर आधारित नहीं था । वह परमेश्वर के सिद्धांतों पर आधारित था। ईश्वर ने प्रत्येक को चाहे वह किसी भी जाती, पंथ अथवा धर्म का हो, प्रेम करने के लिए कहा है। आपका प्रेम ईश्वर से है, अथवा चर्च से ? यह आप निश्चित कर सकते हैं। मैंने कुछ भी अनुचित नहीं किया है। मेरा उद्देश्य हिन्दू धर्म को उसके कर्मकांड के परे समझना है, जैसा मैंने ईसाई धर्म के विषय में किया ।”

संपादकीय भूमिका 

समानता हिन्दुओं को सर्वधर्म समभाव का ज्ञान देनेवाले आधुनिकतावादी, नास्तिकतावादी, कांग्रेसवाले, वामपंथी अब चर्च को यह ज्ञान क्यों नहीं देते ?