‘इसरो’ ने विक्रम लैंडर को चंद्रमा पर कुछ सेंटीमीटर तक उडाया तथा पुनः सुरक्षित उतार लिया !

भविष्य के अभियान हेतु किया हुआ प्रयोग सफल !

बेंगळूरु (कर्नाटक) – ‘इसरो’ ने ‘विक्रम’ लैंडर से बाहर निकले ‘प्रज्ञान’ रोवर को भले ही बंद कर दिया हो, तब भी ‘चंद्रयान-३’ द्वारा चंद्रमा पर उतारे गए विक्रम लैंडर को पुनः एक बार ३ सितंबर को उडाया । ‘इसरो’ ने कहा, ‘विक्रम को उसके मूल स्थान से ४० सेंटीमीटर उडाया गया तदुपरांत ३० से ४० सेंटीमीटर के अंतर पर पुनः सुरक्षित उतारा गया ।’ इस प्रकार ‘इसरो’ द्वारा नया प्रयोग किया गया है । तदुपरांत ‘विक्रम’ के सभी उपकरण पूर्व की भांति कार्यान्वित किए गए । सभी उपकरण व्यवस्थित काम कर रहे हैं, ऐसा ‘इसरो’ ने स्पष्ट कर इस घटना का वीडियो ट्वीट किया है ।

इस प्रयोग का क्या लाभ है ?

‘इसरो आगामी अभियान के अंतर्गत चंद्रमा पर उपलब्ध मिट्टी एवं पत्थर पृथ्वी पर लाने का प्रयास करनेवाला है । तब चंद्रमा की भूमि से यान को पुनः उडान भरना पडेगा । इसलिए एक कसौटी के रूप में ‘विक्रम’ को पुनः उडाया गया । इसके साथ ही भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर कदम रखेंगे, इसलिए चंद्रमा पर उतरने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए यान को चंद्रमा की भूमि से उडान भरनी होगी । एक तरह से ‘इसरो’ ने उसका परीक्षण कर लिया है ।