(और इनकी सुनिए…) ‘सनातन धर्म अर्थात जातियों में बंटवारा करने का नियम !’ – कार्ती चिदंबरम

कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बेटे कार्ती चिदंबरम का हिन्दूद्वेषी विधान

चेन्नई – उदयनिधि के विधान पर चल रहे विवाद की पृष्ठभूमि पर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के पुत्र कार्ती चिदंबरम ने ‘सनातन धर्म अर्थात और कुछ न होकर जातियों में बंटवारा करने का नियम है । सनातन का गुणगान करने वाले प्रत्येक व्यक्ति अच्छे दिन आने की प्रतीक्षा कर रहा है।

जाति भारत को मिला हुआ अभिशाप है’, ऐसी प्रतिक्रिया उन्होंने सामाजिक माध्यम पर व्यक्त की । कार्ती चिदंबरम ने आगे कहा, “तमिलनाडु की सामान्य भाषा में ‘सनातन धर्म’ अर्थात जातीय श्रेणीबद्ध समाज । सनातन धर्म का गुणगान करने वाला प्रत्येक व्यक्ति विशेष अधिकार प्राप्त वर्ग से संबंधित होता है ।”

कार्ती ने कश्मीर के हजरतबल दरगाह में किया था नमाज पठन !

सनातन धर्म का ज्ञान देने वाले कार्ती चिदंबरम सितंबर २०२१ में कश्मीर के हजरतबल दरगाह गए थे और वहां उन्होंने नमाज पढी थी । उन्होंने गर्व से उसका छायाचित्र सामाजिक माध्यम पर प्रसारित किया था ।

संपादकीय भूमिका

  • कार्ती चिदंबरम अर्थात हिन्दूधर्म पर कीचड फेंकने वाले अवसरवादी ! ‘ऐसा वैचारिक धर्मांतरण होने से ही हिन्दूधर्म को सच्चा खतरा है’, ऐसा किसी को लगे तो उसमें क्या गलत ?
  • मुसलमान और ईसाई नेता कभी भी उनके धर्म का इस प्रकार अपमान नहीं करते, इसके विपरीत हिन्दू नेताओं में हिन्दूधर्म का अपमान करने की दौड लगी रहती है ! इससे हिन्दू नेताओं की धर्माभिमान शून्य वृत्ति दिखाई देती है ।