सर्वोच्च न्यायालय भडकाऊ भाषण पर दिशानिर्देश लागू न करने वाले राज्यों पर अप्रसन्न
नई देहली – सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, ‘राज्यों ने भडकाऊ भाषण के संदर्भ में स्वयं के द्वारा इससे पूर्व प्रसारित किए गए दिशानिर्देश पारित नहीं किए हैं ।’ इस पर उसने अप्रसन्नता व्यक्त की है । न्यायालय ने तीखे शब्दो में कहा, ‘भडकाऊ भाषण के विषय में कानून अत्यंत स्पष्ट है; परंतु उसे पारित करना ही एक वास्तविक समस्या है । पुलिस को ऐसे प्रकरणों पर संवेदनशील होना चाहिए । यह कार्य प्रशिक्षण से ही आरंभ होगा । अब तक कितने राज्यों ने ऐसे प्रकरणों की व्यवस्था करने के लिए विभागीय अधिकारियों को नियुक्त किया है ?’
‘Need Effective Practical Steps Against Hate Speech’: Supreme Court Seeks Responses From States On Appointment Of Nodal Officers | @awstika https://t.co/l1YZZbxOTy
— Live Law (@LiveLawIndia) August 25, 2023
१. सर्वोच्च न्यायालय ने आगे कहा, ‘सभी राज्यों को ये दिशानिर्देश पारित करने के संदर्भ में उनकी वर्तमान स्थिति का विवरण ३ सप्ताह के अंदर न्यायालय में प्रस्तुत करना होगा ।’
२. केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को आश्वासन दिया है कि सभी राज्यों की जानकारी एकत्रित कर न्यायालय में उसका ब्योरा प्रस्तुत किया जाएगा ।
संपादकीय भूमिकाध्यान में आता है कि संवेदनशील विषयों पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश देने पर भी राज्यों द्वारा यदि उनका पालन नहीं होता है, तो प्रशासन जनता के परिवादों पर कितना न्याय देता होगा ? इस संदर्भ में न्यायालय को राज्यों पर कार्रवाई करनी चाहिए, जनता की यही अपेक्षा है ! |