सामाजिक माध्यमों पर किए आपत्तिजनक वक्तव्य का परिणाम भोगना ही पडेगा ! – उच्चतम न्यायालय
नई देहली – सामाजिक माध्यमों पर आपत्तिजनक, असभ्य और अपमानास्पद पोस्ट डालने वालों को दंड मिलना आवश्यक है । ऐसे लोग क्षमा मांग कर फौजदारी कार्यवाही से बच नहीं सकते । उन्हें उनके कृत्य का परिणाम भोगना पडेगा, ऐसा उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया है । इस समय न्यायालय ने तमिलनाडु के अभिनेता और पूर्व विधायक एस.वी. शेखर के विरोध में प्रविष्ट हुआ मुकदमा रद्द करने से मना कर दिया ।
सोशल मीडिया से रहें सावधान- सुप्रीम कोर्ट
सोशल मीडिया आज के दौर में लोगों की जरूरत बन गया है
लोग सोशल मीडिया पर खुलकर इजहार-ए-ख्याल कर रहे हैं.
दुनिया को बता रहे हैं कि वो क्या कर रहे हैं.#dblive https://t.co/SEnBcH0Lal pic.twitter.com/KvQgUxDphd
— DB LIVE – (Digital News Channel) (@dblive15) August 19, 2023
वर्ष २०१८ में शेखर द्वारा महिला पत्रकारों के संबंध में फेसबुक पर आपत्तिजनक वक्तव्य व्यक्त करने वाली पोस्ट प्रसारित किए जाने पर उनके विरोध में अपराध प्रविष्ट किया गया था । एक महिला पत्रकार ने तमिलनाडु के तत्कालीन राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित पर ‘उन्होंने मेरे गाल को स्पर्श किया’, ऐसा आरोप लगाया था । महिला पत्रकार के इस आरोप के संबंध में शेखर ने फेसबुक पर मत रखा था । उनके पोस्ट के उपरांत बहुत विवाद हुआ । द्रमुक ने उनके त्यागपत्र की मांग की थी । शेखर ने इसके उपरांत क्षमा मांगी और पोस्ट ‘डिलीट’ भी की, परंतु इस पोस्ट से संबंधित, तमिलनाडु में उन पर अनेक अपराध प्रविष्ट किए गए थे ।