सांस्कृतिक शक्ति एवं क्षमता के बल पर भारत विश्व के लिए आशा की किरण बनने में सक्षम !
स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में रा.स्व.संघ के सरसंघचालक प.पू. मोहनजी भागवत का उद्घोष !
बेंगलूरु (कर्नाटक) – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक प.पू. मोहनजी भागवत ने वक्तव्य दिया है कि भारत को अपनी क्षमता में वृद्धि लाने की आवश्यकता है । अपनी सांस्कृतिक शक्ति एवं क्षमता के बल पर भारत विश्व के लिए आशा की किरण बन सकता है । यहां ‘समर्थ भारत संस्था’ की ओर से आयोजित ध्वजारोहण के कार्यक्रम में सहभागी होकर वे ऐसा बोल रहे थे ।
प.पू. मोहनजी भागवत ने आगे कहा कि,
१. विश्व को जागृत करने की क्षमता भारत में है; परंतु कुछ शक्तियां हमारी प्रगति रोकने के लिए सक्रिय हैं । उनसे हमें सतर्क रहना होगा ।
२. भारत विश्व को ज्ञान, शुद्धता, समृद्धि एवं समर्पण सिखाने में सक्षम है । हम सूर्य की पूजा करते हैं, इसलिए हमारे देश को ‘भारत’ के नाम से संबोधित किया जाता है ।