मणिपुर की महिला ने कुकी समुदाय की भीड द्वारा सामूहिक बलात्कार का परिवाद किया

इंफाल – मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के चुराचंदपुर में एक महिला ने उसका सामूहिक बलात्कार होने का परिवाद प्रविष्ट किया है । पीडित महिला ने पुलिस में प्रविष्ट याचिका में कहा है, ‘मणिपुर में जातीय संघर्ष आरंभ हो गया, उस कालावधि में कुकी समुदाय की भीड ने आक्रमण कर चुराचंदपुर की महिला के घर को आग लगा दी थी । उस समय घबडकर पीडित महिला अपने दो बच्चे, भाभी एवं भतीजी के साथ घर से भाग गई  परंतु भागते हुए वह गिर गई । उसने अपनी भाभी को बच्चों के साथ आगे जाने को कहा । उनका पीछा करनेवाले कुकी समुदाय के ५- ६ लोगों की टोली ने उसे पकडकर उसका सामूहिक बलात्कार किया । तदनंतर उनमें कुकी समुदाय के अन्य लोग भी सम्मिलित हुए थे ।’ पीडित महिला को सुध आई तब वह मैतई समुदाय के एक घर में थी ।

परिवाद के लिए दो माह क्यों लगे ?

‘पुलिस में परिवाद के लिए दो माह क्यों लगे ?’, इस संदर्भ में स्पष्टीकरण देते हुए  महिला ने कहा, ‘बलात्कार हुआ है, यह खुलेआम कहना, समाज में ‘कलंक’ के रूप में देखा जाता है । ‘समाज मेरा बहिष्कार करेगा’, ऐसा भय होने के कारण, स्वयं की एवं अपने परिवार की लाज बचाने के लिए इससे पूर्व मैंने कुछ नहीं कहा ।’

संपादकीय भूमिका 

मणिपुर में ईसाई कुकी समुदाय की महिला पर अत्याचार हुआ, इस पर चिल्लानेवाले भारत के साथ ही पूरे विश्व के कथित धर्म निरपेक्षतावादी एवं ईसाईयों को इस संदर्भ में क्या कहना है ?