अपराध रोकने के लिए साधना अपरिहार्य है !
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘भारत में पुलिस के साथ ही सभी क्षेत्रों में अपराधी हैं, यह स्वतंत्रता से लेकर अभी तक के सभी शासनकर्ताओं के लिए लज्जाजनक है । बच्चों को पाठशाला में साधना सिखाते, तो बडे होकर वे अपराधी न बनते ।’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक