जम्मू-कश्मीर निवासी अब स्वतंत्र जीवन-यापन कर रहे हैं !
धारा ३७० हटाए जाने के ४ वर्ष पूर्ण हुए । इसके उपलक्ष्य में जम्मू-कश्मीर के नायब राज्यपाल मनोज सिन्हा का प्रतिपादन
श्रीनगर – जम्मू-कश्मीर के नायब राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है, ‘जम्मू-कश्मीर निवासी अब अपनी इच्छा के अनुसार स्वतंत्र जीवन-यापन कर रहे हैं । यह परिणाम जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देनेवाला अनुच्छेद ३७० रद्द करने से है ।’ ५ अगस्त २०१९ को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देनेवाली धारा ३७० हटाने का निर्भीक निर्णय लिया गया था ।
५ अगस्त २०२३ को इस घटना के ४ वर्ष पूर्ण हुए हैं । इस पृष्ठभूमि पर श्री. सिन्हा संवाददाताओं से ऐसा बोल रहे थे । धारा ३७० हटाने के उपरांत केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित कर दिया।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का कहना है कि राज्य से आर्टिकल 370 हटने के बाद अब आम कश्मीरी आजादी की जिंदगी जी रहा है और किसी के हुक्म से बंधा हुआ नहीं है#ManojSinha #Article370 #JammuKashmir https://t.co/t5uX8SrfKD
— ABP News (@ABPNews) August 5, 2023
श्री. सिन्हा ने आगे कहा, ‘पूर्व में जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान-समर्थित आतंकवादी एवं अलगाववादियों द्वारा की गई हडताल के कारण पाठशालाएं, महाविद्यालय एवं व्यवसाय वर्ष में अनुमानत: १५० दिन बंद रहते थे । वह समय अब समाप्त हो गया है । धारा ३७० रद्द करने के उपरांत जम्मू-कश्मीर के सामान्य नागरिक अब अपनी इच्छा के अनुसार जी रहे हैं । सडक पर हिंसा समाप्त हो गई है । कश्मीर के युवक अब देर रात्रि बाहर निकलकर घूमने-फिरने का आनंद ले रहे हैं । कुछ दिन पूर्व ही ‘स्मार्ट सिटी’ प्रकल्प के अंतर्गत नूतनीकरण किया हुआ झेलम नदी का किनारा एवं ‘पोलो व्यू मार्केट’ में लोग भयमुक्त वातावरण में घूम सकते हैं । कश्मीरी युवकों के स्वप्नों को पंख लग गए हैं तथा राष्ट्र निर्मिति में उनका योगदान अन्य किसी की अपेक्षा अल्प नहीं होगा । पिछले वर्ष से सरकार ने जम्मू-कश्मीर में ५ अगस्त ‘भ्रष्टाचार मुक्त दिवस’ के रूप में मनाना आरंभ किया है । भ्रष्टाचार रूपी इस कर्करोग का उपचार करना बहुत महत्त्वपूर्ण है, मेरी अपेक्षा है कि जनता इसे अधिक अच्छी तरह से जानती है ।’