ज्ञानवापी का वैज्ञानिक सर्वेक्षण आरंभ !
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वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – ४ अगस्त सवेरे ७.४५ बजे से यहां ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण आरंभ किया गया है । दोपहर १२ तक सर्वेक्षण करने के उपरांत दोपहर की नमाज के कारण उसे रोक दिया गया । दोपहर ३ से सायंकाल ५ बजे तक पुनः सर्वेक्षण किया गया । आगे के कुछ दिन यह सर्वेक्षण चालू रहनेवाला है । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ३ अगस्त को सर्वेक्षण के लिए अनुमति दी । तदनंतर यह सर्वेक्षण पुरातत्व विभाग द्वारा चालू किया गया ।
१. ज्ञानवापी परिसर ४ भागों में (ब्लॉक में) बांटा गया है । सर्वत्र कैमरे लगाए गए हैं । पूरे परिसर का चित्रीकरण किया जा रहा है । यहां के वजू खाना (नमाज से पूर्व हाथ-पांव धोने का स्थान) को छोडते हुए अन्य सभी परिसरों का सर्वेक्षण किया जाएगा । ज्ञानवापी की पश्चिम दिशा की भीत की ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ।
२. सर्वेक्षण के लिए पुरातत्व विभाग के ६१ सदस्यों का सहयोग मिला है । इस समय हिन्दू पक्ष के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे । सर्वेक्षण की पृष्ठभूमि पर इस परिसर में बडी संख्या में पुलिसकर्मी नियुक्त किए गए हैं ।
कैसे किया जा रहा है वैज्ञानिक सर्वेक्षण ?१. किसी भी प्रकार की खुदाई किए बिना रेडियो वेव्स (लहरों) की सहायता से भूमि एवं भीत के अंदर क्या है ? यह ज्ञात किया जा रहा है । २. ‘कार्बन डेटिंग पद्धति’ से (वास्तु कितनी पुरानी है, यह जांचने की पद्धति से) वास्तु की जांच की जा रही है । ३. भीत, ज्ञानवापी का पाया एवं यहां की मिट्टी के रंग में परिवर्तन, इसकी जांच की जा रही है । |