बनावटी (नकली) बोली (आवाज) द्वारा ‘ऑनलाईन’ पर फंसाने का प्रकरण आया सामने !

नई देहली – ऐसी घटनाएं सामने आई हैं कि चल-दूरभाष पर किसी की भी आवाज चोरी कर धन कमाने के लिए उसका उपयोग किया जाता है । इस प्रकरण को ‘आवाज चुराकर फंसाना (ठगना)’ (वॉईस क्लोनिंग फ्रॉड) कहा जाता है ।

इसमें चोर (ठग) कृत्रिम बुद्धिमत्ता की (‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ की) सहायता से चल-दूरभाष से किसी की भी आवाज, बोलने की पद्धति सभी हूबहू चोरी कर लेता है । (‘कॉपी’ करता है ।) तदनंतर ठग ने जिसकी आवाज चोरी की है, उसका परिवार, परिजन, मित्रों को चल-दूरभाष से अपनी ही आवाज में संपर्क करता है । बिलकुल अपनी ही बोली (आवाज) में वह अपने परिजनों को ‘मैं संकट में फंस गया हूं’, ऐसा कहकर चल-दूरभाष बिगड गया है एवं धन की त्वरित आवश्यकता होने का कहता है । परिजन, सगे-संबंधी, आदि किसी को भी यह आवाज झूठी होने का संदेह नहीं होता । उन्हें लगता है कि अपना ही कोई बोल रहा है । तदनंतर ठग उनको एक ‘बार कोड’ भेजकर उस पर धन भेजने को कहता है । चिंता के कारण परिजन तुरंत ही पैसे भेज देते हैं एवं इस प्रकार वे फंस जाते हैं ।

इस बनावटी बोली में ये ठग संबंधित लोगों के ‘डेबिट’ एवं ‘क्रेडिट कार्ड’ की जानकारी पा लेते हैं एवं संबंधित लोगों के खाते से पैसे निकाल लेते हैं । इसलिए सामाजिक माध्यमों से सावधान रहने का आवाहन किया जा रहा है । यदि इस प्रकार का चल-दूरभाष आता है, तो उसे बंद कर पीडित व्यक्ति के चल-दूरभाष पर संपर्क कर वास्तविकता की जांच करने का आवाहन किया गया है ।