#Exclusive: (और इनकी सुनिए …) ‘दीपावली में जलाए जानेवाले पटाखें पर्यावरण के लिए गंभीर समस्या !’ – महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण विभाग
प्रदूषण नियंत्रण विभाग से मस्जिदों पर लगे भोंपुओं के कारण होनेवाले ध्वनिप्रदूषण की अनदेखी !
मुंबई, ३० जुलाई (संवाददाता) – मुंबई के विभिन्न पुलिस थानों में मस्जिदों पर चलाए जानेवाले भोंपुओं के कारण कष्ट होने की अनेक शिकायतें प्रविष्ट की गई हैं; परंतु पुलिस इन शिकायतों की उपेक्षा करती है; इसलिए इसके विरोध में मुंबई उच्च न्यायालय एवं सत्र न्यायालय में अभियोग भी चल रहे हैं । ऐसा होते हुए भी पुलिस प्रशासनसहित महाराष्ट्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने मस्जिदों पर लगे भोंपुओं के कारण होनेवाले ध्वनिप्रदूषण की अनदेखी कर ‘दीपावली के समय जलाए जानेवाले पटाखें ही महाराष्ट्र में पर्यावरण की सबसे गंभीर समस्या है’, ऐसा कहा है । महाराष्ट्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से कुछ ही दिन पूर्व प्रकाशित वर्ष २०२१-२२ के वार्षिक ब्योरे में ऐसा कहा गया है ।
महाराष्ट्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग का यही वह वर्ष २०२१-२२ का हिन्दूद्वेषी वार्षिक ब्योरा !
१. महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने २१ एवं २२ फरवरी २०२१ को महाराष्ट्र के कुल २७ महानगरपालिकाओं के आवासीय, व्यावसायिक एवं शांति क्षेत्र में कुल १०४ स्थानों पर निरंतर २४ घंटे ध्वनिपरीक्षण किया, जिसकी गणनाएं इस ब्योरे में दी गई हैं ।
२. प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने मुंबई में सडक पर यातायात एवं वर्षा के कारण, जबकि नई मुंबई में भीड एवं वाहनों के ‘हॉर्न’ के कारण ध्वनिप्रदूषण होने की बात कही है ।
३. २८ अगस्त २०२० को गणेशोत्सव के समय में ध्वनि का स्तर बढने की बात गंभीरता से बताई गई है; परंतु २७ महानगरपालिकाओं के क्षेत्र में स्थित एक भी मस्जिद पर लगे भोंपुओं के कारण ध्वनिप्रदूषण होने का उल्लेख नहीं किया गया है ।
४. विशेष बात यह कि मुंबई एवं नई मुंबई इन शहरों में होनेवाले ध्वनिप्रदूषण के विषय में आज के समय न्यायालय में अभियोग चल रहे हैं तथा न्यायालय ने स्वयं ही मस्जिदों पर लगे भोंपुओं के कारण होनेवाले ध्वनिप्रदूषण की बात स्वीकार कर उस पर कार्यवाही करने का पुलिस को आदेश दिया है; परंतु महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण विभाग के वार्षिक ब्योरे में इसका सामान्यरूप से भी उल्लेख नहीं है ।
.@mpcb_official officially states- Firecrackers burnt during #Diwali constitutes most pressing environmental concern
Board has conspicuously disregarded noise pollution caused by mosques throughout the year@mieknathshinde ji do take note#EXCLUSIVE NEWS https://t.co/w2y7oNxIKN pic.twitter.com/kQWeJSmiK0— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) July 31, 2023
संपादकीय भूमिकाकेवल हिन्दुओं के त्योहारों के समय ही ध्वनिप्रदूषण की गणना करना तथा मस्जिदों से प्रतिदिन चलाए जानेवाले भोंपुओं की अनदेखी करना, तो खुलेआम पक्षपात है । सरकार को संबंधित अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए ! |