आतंकवाद का अंत कब ?
पुणे में पुलिस की सतर्कता से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एन.आइ.ए.द्वारा)२ वांछित आतंकवादियों को पकडने में सफल रही । इन आतंकवादियों को पकडनेवालों को ५ लाख रुपए का पारितोषिक घोषित किया गया था । पकडे गए २ आतंकवादियों के नाम हैं, इमरान खान एवं महम्मद युनूस साकी । ये दोनों ‘अल् सुफा’ आतंकवादी संगठन के लिए कार्य करते हैं । अबतक हमने अल् कायदा, लष्कर-ए-तोयबा, जैश-ए-महम्मद आतंकवादी संगठनाें के नाम सुने हैं । अब उनमें ‘अल् सुफा’ आतंकवादी संगठन भी जुड गया है । ३० मार्च २०२२ को इस संगठन का नाम सामने आया । इसी संगठन ने राजस्थान में तोडफोड करने का षड्यंत्र रचा था । एक चारपहिया वाहन में खोज करने पर पुलिस को विस्फोटक मिले थे । उस समय बशीर खा शेरानी पकडा गया था; किंतु इमरान खान, महम्मद युनूस साकी तथा फिरोज पठाण, ये तीनोें भाग गए थे । विगत डेढ वर्ष से सुरक्षा एजेंसी उन्हें ढूंढ रही थी । खान एवं साकी पकडे गए हैं, परंतु पठाण अभी भी लापता है ।
इस घटना के पश्चात सर्वप्रथम जो प्रश्न मन में आता है, वह यह कि राजस्थान में कार्यवाही करने का प्रयास करनेवाले आतंकवादी पुणे में कैसे ? अल् सुफा आतंकवादी संगठन के जिहादी मध्य प्रदेश के रतलाम में भी जिहादी ठिकाने चला रहे थे, ऐसी जानकारी सामने आई है । सुरक्षा एजेंसी ने यहां भी छापा मारा । इससे ध्यान में आता है कि यह संगठन भारत में अनेक स्थानों पर हाथ-पैर फैलाए हुए है, भयंकर संकट का सूचक है । भारत में पहले जैसे बमविस्फोट नहीं होते; किंतु समाजघातक कार्यवाहियां बढ गई हैं । विस्फोट करवाकर लोगों में भय निर्मित करने के स्थान पर दंगे कराना, हिन्दुओं के सिर काटकर उनकी अमानुषिक हत्या करना जैसी घटनाएं बढ गई हैं । इससे ‘आतंकवादी कार्यवाहियों का स्वरूप परिवर्तित हुआ है’, ऐसा हम कह सकते हैं । भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह संकट की घंटी है । आतंकवादियों के ठिकानों पर छापा मारकर मात्र ४-५ आतंकवादियों को पकडने से क्या भारत में आतंकवाद समाप्त हो जाएगा ? आतंकवाद मिटाने के लिए सर्वप्रथम आतंकवादियाें के समर्थकों को ढूंढकर उन पर कार्यवाही करनी होगी । चाहे कश्मीर हो, अथवा देश के अन्य स्थान; स्थानीय समर्थन के बिना आतंकवादी कुछ भी करने का साहस नहीं कर पाएंगे । भारत में अनेक स्थानों पर छोटे पाकिस्तान बन गए हैं । इन ठिकानों पर कार्यवाही करने से राष्ट्रघातकों में भय निर्माण होगा ।
इस प्रकार आतंकवादियों को ढूंढकर उन पर कार्यवाही करना सरल होगा । इन सभी सूत्रों को देखते सुरक्षा एजेंसियों का दायित्व बढ गया है । सर्वप्रथम भारत में कार्यवाही करनेवाले कट्टरपंथी तथा उन्हें भडकानेवाले धार्मिक नेताओं पर सीधी कार्यवाही करें । आतंकवाद नष्ट करने की दृष्टि से यह एक दृढ कदम होगा।