भारतीय भाषाओं की वर्णमाला का आधारभूत अलौकिक विज्ञान !
आज के छात्रों को पता ही नहीं होगा कि भारतीय भाषाओं की वर्णमाला भी वैज्ञानिक दृष्टि से अर्थपूर्ण है । वर्णमाला का प्रत्येक अक्षर तार्किक है और सटीक गणना के साथ क्रमबद्ध है । इस तरह का वैज्ञानिक दृष्टिकोण अन्य विदेशी भाषाओं की वर्णमाला में कहीं नहीं पाया जाता ।
वर्णमाला के –
क ख ग घ ड़ – इन पांच अक्षरों के समूह को कण्ठव्य कहा जाता है क्योंकि इन का उच्चारण करते समय कंठ से ध्वनि निकलती है । उच्चारण का प्रयास करें ।
च छ ज झ ञ – इस अक्षर समूह को तालव्य कहा जाता है कारण कि इसका उच्चारण करते समय अपनी जिव्हा तालू को स्पर्श करेगी ।
ट ठ ड ढ ण – इन पांचों को मुर्धन्य कहा जाता है क्योंकि इसका उच्चारण करते समय जीभ मुर्धन्य अर्थात ऊपर की दिशा में मुडी हुर्ह प्रतीत होती है ।
त थ द ध न – इस पंचाक्षर समूह को दन्तवय कहा जाता है क्योंकि इनका उच्चारण करते समय जीभ दांतों को स्पर्श करती है ।
प फ ब भ म – पांच के इस समूह को कहा जाता है ओष्ठव्य क्योंकि इनके उच्चारण के समय दोनों होठ एक-दूसरे को स्पर्श करते हैं ।
इनका उच्चारण कर, स्वयं देखें कि विश्व की किसी भी अन्य भाषा में ऐसा वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है ! अत: निःसंदेह, हमें अपनी भारतीय भाषाओं पर गर्व होना चहिए !!
– श्री. ॠषी वसिष्ठ, हिन्दुत्वनिष्ठ, देहली.