‘तहलका’ के प्रधान संपादक तरुण तेजपाल को २ करोड रुपयों का दंड !
भूतपूर्व सेना अधिकारी की मानहानि करने का २२ वर्ष पूर्व का प्रकरण
नई देहली – ‘तहलका’ नियतकालिक के प्रमुख संपादक तरुण तेजपाल को मानहानि के प्रकरण में देहली उच्च न्यायालय ने दोषी कहकर २ करोड रुपयों का दंड दिया है । सेवानिवृत्त मेजर जनरल एम.एस अहलुवालिया की याचिका पर यह निर्णय दिया गया । वर्ष २००२ में यह याचिका प्रविष्ट कि गई थी । मार्च २००१ में इस नियतकालिक में एक समाचार प्रकाशित किया गया था । इसमें सेना के एक भ्रष्टाचार में जनरल अहलुवालिया को मध्यस्थ कहा गया था ।
‘ईमानदार सैन्य अधिकारी पर कलंक लगाया, अब ₹2 करोड़ दो’: 22 साल बाद तरुण तेजपाल को HC का आदेश, ‘तहलका’ की स्टिंग निकली फर्जी#TarunTejpal #Tehelkahttps://t.co/pcJtBs9oY1
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) July 22, 2023
इस याचिका द्वारा अहलुवालिया ने ‘तहलका’ को क्षमा मांगने के लिए कहा था । इस पर न्यायालय ने कहा कि, इस प्रकरण को २२ वर्ष हो चुके हैं । इस अवधि में अहलुवालिया ने बहुत सहन किया है । इसलिए केवल क्षमा मांगने से कोई लाभ नहीं होगा । किसी प्रामाणिक सेना अधिकारी की प्रतिमा की अपकीर्ति करने अधिक लज्जाजनक घटना दूसरी कोई नहीं होगी ।
संपादकीय भूमिकामानहानि के प्रकरण में २२ वर्ष पश्चात न्याय मिलने का अर्थ ‘इतने वर्ष व्यक्ति की मानहानि होते रहना’ ही है, ऐसा किसी को लगे तो उसमें गलत क्या है ? |