रेल में न्यायमूर्तियों को असुविधा : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दी रेल विभाग को नोटिस !

बारंबार मांगने पर भी खाने-पीने के पदार्थ नहीं मिलते !

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति गौतम चौधरी

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति गौतम चौधरी रेल से यात्रा कर रहे थे । रेल प्रशासन की ढीली (लचीली) व्यवस्था के कारण उनको असुविधा का सामना करना पडा । इस कारण इसके लिए उत्तरदायी अधिकारियों से उच्च न्यायालय के निबंधकों ने स्पष्टीकरण मांगा है । ८ जुलाई २०२३ को न्यायमूर्ति ने पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से नई देहली से प्रयागराज तक की यात्रा की थी ।

उच्च न्यायालय के निबंधकों के पत्र के अनुसार उस दिन रेल गाडी ३ घंटे विलंब से चल रही थी । लिखी हुई नोटिस में आरोप है कि ‘न्यायमूर्तियों के बारंबार पूछने पर भी किसी रेल कर्मचारी ने समाधानकारक उत्तर नहीं दिया । रेल के डिब्बे में एक भी पुलिस कर्मचारी उपस्थित नहीं था, साथ ही रेल की ‘पैन्ट्री कार’ के (भोजनालय के) लोगों को अनेक बार संपर्क करने के उपरांत भी न्यायमूर्ति गौतम चौधरी को खाने-पीने के पदार्थ देने कोई नहीं आया ।’

उच्च न्यायालय के निबंधकों ने रेल के उच्च अधिकारियों को रेल विभाग की पुलिस एवं ‘पैन्ट्री कार’ के कर्मचारियों द्वारा दिए गए उत्तर की प्रति (नकल) न्यायालय में प्रस्तुत  करने का आदेश दिया है ।

संपादकीय भूमिका 

न्यायमूर्ति जैसे उच्चपदस्थ व्यक्ति को इतनी असुविधा होती है, तो सामान्य लोगों की  स्थिति होगी ? इसका विचार न करें, तो ही अच्छा है !