(इनकी सुनिए…) ‘पाक में कार्रवाई करनेवाले तालिबानी आतंकवादियाें को अफगानिस्तान में मिल रहा आश्रय सहन नहीं करेंगे !’ – पाकिस्तान के रक्षामंत्री
पाकिस्तान के रक्षामंत्री की अफगानिस्तान सरकार को चेतावनी !
इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – पाक में आतंकवादी कार्रवाईयां करनेवाले आतंकवादियों को निकट के देश अफगानिस्तान में आश्रय दिया जा रहा है । पाक अब इसे सहन नहीं करेगा, ऐसी चेतावनी पाक के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दी । उससे पूर्व पाक के सेनादलप्रमुख असीम मुनीर ने भी ऐसा ही आरोप किया था । उन्होंने यह भी कहा कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), यह आतंकवादी संगठन पाक की सेना पर भी आक्रमण कर रहा है ।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि उनके देश में खून-खराबा करने वाले आतंकवादियों को अफगानिस्तान में शरण मिल रही है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब इसे सहन नहीं करेगा.#Pakistan #Afghanistan #PakistanTerrorAttack #Taliban https://t.co/Nfx8TD8ktz
— ABP News (@ABPNews) July 15, 2023
१. ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अफगानिस्तान पडोसी देश का कर्तव्य नहीं निभा रहा है । वह दोहा करार का पालन भी नहीं कर रहा है । ५० से ६० लाख अफगान शरणार्थियों ने गत ५० वर्षों से पाक में आश्रय लिया है; परंतु इसके विपरीत पाकिस्तानियों का रक्त बहानेवाले आतंकवादियों को अफगानिस्तान की भूमि पर आश्रय मिल रहा है । अब ऐसा नहीं चलेगा । पाकिस्तान अपनी भूमि एवं नागरिकों की रक्षा के लिए सभी साधनों का उपयोग करेगा ।
२. पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान के तालिबानी सरकार पर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों को उनके देश में आश्रय दिया है । यह आतंकवादी संगठन संपूर्ण पाक में शरीयत कानून लागू करने के लिए प्रयत्नशील है । उसके लिए वह पाक में आतंकवादी आक्रमण कर रही है । वर्ष २०२१ में अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आने से उसकी कार्रवाईयां बढ गई हैं ।
हमारे यहां टीटीपी के आतंकवादी होने का पाक प्रमाण दे ! – तालिबान ने पाक को सुनाया
पाकिस्तान के आरोपों पर अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार ने प्रत्युत्तर दिया है । तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि अफगानिस्तान में टीटीपी अस्तित्व में नहीं है । यदि पाक के पास टीटीपी के अफगानिस्तान में होने का प्रमाण हो, तो वह हमें दे । तत्पश्चात हम उस पर विचार कर कारवाई करें ।
मुजाहिद ने आगे कहा कि पाकिस्तान दोहा करार का भाग नहीं । इसकारण उसे इस करार पर बोलने का कोई भी अधिकार नहीं । यह करार अफगानिस्तान एवं अमेरिका में हुआ था । अफगानिस्तान पाकिस्तान को इस्लामी पडोसी देश समझ रहा है इसलिए वह इस करार के परे जाकर पाक से संबंध रख रहा है । अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग पाक के विरोध में नहीं किया जाता ।
संपादकीय भूमिकागत ३३ वर्षों से जो पाकिस्तान भारत में आतंकवादियों के माध्यम से कार्रवाई कर रहा है, वहीं पऱ यदि अफगानिस्तान द्वारा पाक के विरोध में तालिबानी आतंकवादी गतिविधियां हो रही हों, तो उसे पाक का कर्मफल ही कहना होगा ! |