उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण का षड्यंत्र सामने आया : गाजियाबाद पुलिस नेरा ३ धर्मांधों को बंदी बनाया

बंदी बनाएं गएं ३ धर्मांध

गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) – यहां पुलिस ने धर्मांतरण में लिप्त एक गुट का षड्यंत्र सामने लाते हुए मुहम्मद राहिल, मुशीर एवं अब्दुल अहमद नामक ३ धर्मांधों को बंदी बनाया है । पुलिस इस गुट से संबंधित शेष आरोपियों एवं उनको धन की आपूर्ति करनेवाले स्रोत को ढूंढ रही है । इस प्रकरण में एक हिन्दू लडकी के पिता ने खोडा पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट किया था । परिवाद में पिताजी ने कहा था, ‘मेरी बेटी विगत ५-६ माह से इस्लामी रीति-रिवाज का पालन कर रही है एवं उसने नमाज पढना भी आरंभ कर दिया है । मानव बम बनने के संदर्भ में उसने स्वयं  वक्तव्य दिया है’ । इस परिवाद के आधार पर पुलिस ने इस्लामी धर्मांतरण का षड्यंत्र सामने लाया ।

इस लडकी के चलभाष (मोबाईल) की जानकारी के आधार पर सर्वप्रथम पुलिस ने ७ जुलाई को २२ वर्ष आयु के मुहम्मद राहिल को बंदी बनाया । उसने पुलिस को कहा कि वह पूर्व में हिन्दू था । उसने वर्ष २०१७ में इस्लाम  स्वीकार किया । वह हिन्दू लडकियों को प्रेमजाल में फंसाकर उन्हें इस्लाम स्वीकार करने को बाध्य करता था । उसने इस लडकी से ऑनलाईन विवाह भी किया था एवं उसको इस्लाम पंथ स्वीकार करने के स्तर  पर ले गया था ।

प्रसारमाध्यमों की दी जानकारी के अनुसार आरोपी मुहम्मद राहिल एवं गुट के अन्य साथी का जाल केवल कर्नाटक एवं देश के अन्य राज्यों में ही नहीं, अपितु नेपाल तक फैला हुआ है । इस टोली से संबंधित अनेक लोग पाए गए हैं । मुहम्मद राहिल के चलभाष (मोबाईल) से वादी लडकी के कुछ आपत्तिजनक वीडियो भी नियंत्रण में लिए गए हैं । पुलिस ने तीनों आरोपियों को बंदी बनाकर कारागृह में भेज दिया है । सूत्रों से जानकारी मिली है कि इस गुट ने अबतक लडके-लडकियों सहित कुल ४० लोगों का धर्मांतरण किया है । इस प्रकरण में पुलिस आगे की जांच कर रही है ।

संपादकीय भूमिका 

धर्मांध साहस न कर सकें, सरकार को ऐसा भय निर्माण करना आवश्यक है !