‘गीता प्रेस’ केवल मुद्रणालय नहीं, अपितु आस्था का केंद्र ! – प्रधानमंत्री मोदी
‘गीता प्रेस’ के शताब्दी महोत्सव का समापन !
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘गीता प्रेस’ के विषय में गौरवपूर्ण प्रतिपादन करते हुए कहा, ‘‘गीता प्रेस विश्व का ऐसा एकमात्र मुद्रणालय है, जो केवल एक संस्था नहीं; अपितु आस्था का केंद्र है । इसका कार्यालय विश्व के करोडों लोगों के लिए मंदिर के समान है । उसके नाम में गीता तथा काम में भी गीता है । जहां गीता है, वहां भगवान श्रीकृष्ण हैं । जहां गीता है, वहां ज्ञान है । ज्ञान हो, तो बोध होगा तथा बोध होगा, तो शोध होगा ।’’ गीता प्रेस के शताब्दी महोत्सव के समापन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी सम्मिलित हुए । उसमें उपस्थित लोगों का मार्गदर्शन करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थीं । इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने गीता प्रेस को ‘गांधी शांति’ पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया, साथ ही गीता प्रेस के ‘शिवपुराण’ एवं संत तुलसीदास द्वारा लिखित ग्रंथ का लोकार्पण भी किया ।
नाम में गीता, काम में गीता: गीता प्रेस शताब्दी वर्ष समापन समारोह में बोले PM मोदी, कहा- ऐसी संस्थाएँ देश को जोड़ती हैं#PMModi #GitaPress #Gorakhpurhttps://t.co/gmsjRzPQ7m
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) July 7, 2023
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि,
१. गीता प्रेस भारत को उसकी जीवनशैली के विषय में मार्गदर्शन कर राष्ट्रसेवा का कार्य कर रहा है । गांधी के भी गीता प्रेस के साथ भावनात्मक संबंध थे । वे गीता प्रेस के ‘कल्याण’ नियतकालिक के लिए लेखन करते थे । गांधी ने ही कहा था कि इसमें विज्ञापन प्रकाशित नहीं करने चाहिएं । आज भी इस नियतकालिक में विज्ञापन प्रकाशित नहीं किए जाते ।
गोरखपुर स्थित गीता प्रेस के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहा हूं। @GitaPress https://t.co/p8MIQyzatt
— Narendra Modi (@narendramodi) July 7, 2023
२. गीता प्रेस ने अल्प मूल्य में घर-घर धार्मिक पुस्तक पहुंचाए हैं । गीता प्रेस जैसी संस्था केवल धर्म एवं कर्म को नहीं जोडती, अपितु वे भारत को भी जोडती है । भारत में इस प्रेस की २० शाखाएं हैं, जिनके माध्यम से वह विभिन्न भाषाओं में भारत के मूल चिंतन को लोगोंतक पहुंचाता है ।
गोरखपुर के गीता प्रेस का अनुभव अभिभूत कर देने वाला है। अपने शताब्दी वर्ष को पूरा कर चुका यह प्रकाशन न सिर्फ भारतवर्ष की सनातन संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि देश के गौरवपूर्ण क्षणों का भी साक्षी रहा है। pic.twitter.com/hfZk4Hq4g5
— Narendra Modi (@narendramodi) July 7, 2023
३. विदेशी आक्रांताओं ने हमारे ग्रंथालय जला दिए थे । अंग्रजों ने हमारी गुरुकुल परंपरा नष्ट की । हमारे पूजनीय ग्रंथ विलुप्त होने की स्थिति में थे । ऐसे समय में गीता प्रेस जैसी संस्थाओं ने उन्हें बचाने का काम किया । ये ग्रंथ आज घर-घर पहुंचे हैं तथा इन ग्रंथों से हमारी अगली पीढीयां जुड गई हैं ।
विगत ७५ वर्षाें में एक भी प्रधानमंत्री यहां नहीं आया ! – योगी आदित्यनाथ
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी एवं मा. राज्यपाल श्रीमती @anandibenpatel जी के साथ आज गोरखपुर स्थित @GitaPress के 'शताब्दी वर्ष समापन समारोह' में सम्मिलित हुआ। इस अवसर पर पावन 'चित्रमय शिवपुराण' और नेपाली भाषा में 'शिवपुराण' ग्रंथ का विमोचन भी हुआ।
गीताप्रेस के… pic.twitter.com/ciYvai9J39
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 7, 2023
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गीता प्रेस ने १०० वर्ष पूर्ण किए हैं । स्वतंत्रता के ७५ वर्ष उपरांत देश का एक भी प्रधानमंत्री यहां नहीं आया है; क्योंकि गीता प्रेस भारत की आत्मा को प्रकट करता है ।