(…और इनकी सुनिए) ‘समान नागरिक कानून यदि शरीयत कानून के विरोध में होगा, तो मुसलमानों को यह स्वीकार नहीं होगा !’ – जमीयत उलेमा-ए-हिंद

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी

देवबंद (उत्तर प्रदेश) – समान नागरिक कानून के संदर्भ में जमीयत उलेमा-ए-हिंद यह मुसलमान संगठन उनके मत विधि आयोग को भेजने वाला है । इस संगठन ने कहा है कि, यह कानून धर्म पर आघात करने वाला है । आयोग ने सभी धर्मों के उत्तरदायी लोगों को बुलाकर उनसे चर्चा करनी चाहिए । कोई भी कानून शरिया कानून के विरोध में होगा, तो मुसलमानों को स्वीकार नहीं होगा । मुसलमान सब कुछ सहन कर सकते हैं; लेकिन वे शरीयत के विरोध में नहीं जा सकते । समान नागरिक कानून देश की एकता के लिए खतरा है ।

१. जमीयत ने आगे कहा है कि, समान नागरिक कानून संविधान में धार्मिक अधिकार छीनता है । हमारा व्यक्तिगत कानून (पर्सनल लाॅ) कुरान द्वारा बना होकर उसमें विनाश तक बदलाव नहीं हो सकता ।

२. इसके पहले जमीयत के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने समान नागरिक कानून के विरोध में रस्ते पर ना उतरने का आवाहन किया था ।

संपादकीय भूमिका 

‘समान नागरिक कानून संसद में पारित होगा और वह सभी को स्वीकार करना ही पडेगा’, ऐसी भूमिका अब सरकार को लेनी चाहिए !