काशी विश्वेश्वर की मुक्ति होगी, तब देश अखंड हिन्दू राष्ट्र होगा ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सर्वोच्च न्यायालय एवं प्रवक्ता, हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस
वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में ‘संविधान एवं हिन्दू राष्ट्र’ तथा मंदिर सुप्रबंधन विषय पर मान्यवरों द्वारा रखे गए स्पष्ट विचार !
हिन्दुओं के लिए पूजनीय १२ ज्योतिर्लिंगों में से काशी विश्वेश्वर एक स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है । इस अभियोग में अपनी विजय निश्चित है । काशी विश्वेश्वर जब उनके मूलस्थान पर विराजमान होंगे, तब हिन्दुओं के लिए आध्यात्मिक उन्नति का एक बडा स्थान निर्माण होगा । १२ मई २०२३ को प्रयागराज (इलाहाबाद) उच्च न्यायालय ने मंदिर के परिसर में पाए गए शिवलिंग की शास्त्रीय परीक्षण करने की अनुमति दी । इसे अंजुमन इंतेजामिया द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में आवाहन दिया गया है । सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस विषय में जिला न्यायालय में सुनवाई करने के निर्देश दिए गए हैं । ६ जुलाई को वाराणसी जिले के न्यायालय में इसपर सुनवाई होगी । पुरातत्व विभाग द्वारा सर्वेक्षण होगा तब सत्य सामने आएगा कि औरंगजेब ने इस मस्जिद का निर्माण कैसे किया ? ‘यह सत्य उजागर न हो’, इसीलिए अंजुमन इंतेजामिया इसका विरोध कर रही है । हम ‘कार्बन डेटिंग’ परीक्षण की मांग कर रहे हैं, ऐसी मिथ्या बात फैला दी गई । वास्तव में कोई भी रासायनिक परीक्षण नहीं होगा, अपितु शास्त्रीय ढंग से परीक्षण होगा । इसमें शिवलिंग को कोई क्षति नहीं पहुंचेगी । इस परीक्षण से यह स्पष्ट होगा कि यह शिवलिंग स्वयंभू है और कितने वर्ष पुरातन है । काशी विश्वेश्वर की जब मुक्ति होगी, तब देश अखंड हिन्दू राष्ट्र होगा । हम काशी विश्वेश्वर की मुक्ति का बडा ध्येय लेकर मार्गक्रमण कर रहे हैं । इसके लिए सभी हिन्दुओं को संगठित होकर इस संपूर्ण परिसर के सर्वेक्षण की मांग पर दृढता से डटे रहना है ।
Watch न्याययोद्धा, धर्मयोद्धा @Vishnu_Jain1 speak on the legal battles to #SaveHinduTemples at the ongoing Vaishvik Hindu Rashtra Mahotsav in Goa
Kashi, Mathura and now Kishkindha! We will reclaim them all!
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— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) June 17, 2023
वे आगे बोले,
१. मथुरा में श्रीकृष्णजन्मभूमि को मुक्त करने के लिए हम गत १० वर्षों से जिला न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय में प्रयत्नरत हैं । प्रयागराज न्यायालय ने भी यह याचिका प्रविष्ट करते हुए श्रीकृष्णजन्मभूमि संबंधी सभी अभियोगों की जानकारी न्यायालय से मांगी है । इससे विविध न्यायालय में अभियोग लडने में समय गंवाने का उनका षड्यंत्र विफल हुआ ।
२. इसीप्रकार श्रीहनुमानजी की जन्मभूमि, कर्नाटक में स्थित किष्किंधा में हनुमानजी की स्वयंभू मर्ति युक्त मंदिर का कर्नाटक सरकार ने अधिग्रहण किया है । इस मंदिर को सरकारीकरण से मुक्त करने के लिए गत ५ वर्ष से हमारी कानूनी लडाई चल रही है ।
३. इन सभी मंदिरों की मुक्ति के लिए जब तक मैं और मेरे पिताजी पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैन जीवित हैं, तब तक लडते रहेंगे ।
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के आध्यात्मिक बल के कारण ही संपूर्ण देश में हिन्दू राष्ट्र की मांग ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैनमैं वर्ष २०१४ में पहली बार सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संपर्क में आया । तदुपरांत मंदिरमुक्ति की इस लडाई को सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के कारण आध्यात्मिक अधिष्ठान प्राप्त हुआ । उनके आशीर्वाद के कारण ही यह लढाई हम लढ रहे हैं । सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के आध्यात्मिक बल के कारण ही हिन्दू राष्ट्र की मांग संपूर्ण देश में हो रही है । इसलिए सभी हिन्दुओं को संगठित होकर अखंड हिन्दू राष्ट्र की मांग करनी आवश्यक है । |