गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में सनातन के गुरुओं द्वारा संदेश
श्री गुरु के अवतारी कार्य में उत्तम ‘समष्टि शिष्य’ बनकर सम्मिलित हों !
‘शास्त्रों में बताया है कि ८४ लाख जीवयोनियों में मोक्षप्राप्ति करवानेवाला मनुष्यजन्म दुर्लभ है । ऐसा दुर्लभ मनुष्यजन्म आज पृथ्वी पर ७०० करोड लोगों को प्राप्त हुआ है; परंतु वास्तव में कितने लोग मोक्षपथ पर हैं ? मोक्षगुरु सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के मार्गदर्शन के कारण आज पृथ्वी पर आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग सुलभ हो गया है । गुरुगीता में कहा है कि गुरु के मार्गदर्शनानुसार साधना कर मोक्षप्राप्ति करने से ही गुरुऋण शेष नहीं रहता, अन्यथा उसे चुकता नहीं कर सकते । इसीलिए आध्यात्मिक उन्नति के लिए श्री गुरु के अवतारी कार्य में उत्तम ‘समष्टि शिष्य’ बनकर सम्मिलित हों एवं शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति करें !’
– श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी, सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी, सनातन संस्था. (१७.४.२०२३)
श्री गुरु के ऐतिहासिक धर्मसंस्थापना के कार्य में दायित्व लेकर सेवा करें !
‘श्री गुरु सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी ने ज्ञानशक्ति द्वारा हिन्दू राष्ट्र की स्थापना की दृष्टि दी है । यह हिन्दू राष्ट्र की स्थापना, अध्यात्म पर आधारित राष्ट्ररचना (धर्मसंस्थापना) है । केवल अवतार ही ऐसे कार्य कर सकते हैं ! आज सर्वत्र हिन्दू राष्ट्र की चर्चा हो रही है । यह केवल श्री गुरु की ज्ञानशक्ति का फलित है । अब हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होने का समय निकट आ गया है; परंतु भविष्य में संपूर्ण राष्ट्ररचना अध्यात्म पर आधारित होने हेतु आज से ही सक्रिय होना, धर्मसंस्थापना का कार्य है । श्री गुरु के इस ऐतिहासिक धर्मसंस्थापना के कार्य में दायित्व लेकर सेवा करें !’
– श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी, सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी, सनातन संस्था. (१४.४.२०२३)