वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक टी. राजासिंह ने दहाडकर किया ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना का उद्घोष !
हिन्दू राष्ट्र स्थापना का संकल्प पूर्ण करने के लिए ही हमारा जन्म हुआ है !
रामनाथी, २२ जून (संवाददाता) – राजनीति जबतक जनता चुनेगी, तबतक ही है । मुझे हिन्दुत्व के लिए जीना है । धर्म के लिए मैं राजनीति छोडने के लिए तैयार हूं । आज न कल मृत्यु आना निश्चित है, तो इतिहास जिसका संज्ञान ले, ऐसी मृत्यु क्यों नहीं चाहिए ? देश एवं धर्म के लिए हम मरने के लिए भी तैयार हैं । हिन्दू भयभीत न हों । हिन्दू राष्ट्र स्थापना का संकल्प पूर्ण करने के लिए ही हमारा जन्म हुआ है, ऐसा प्रहार भाग्यनगर के प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक टी. राजासिंह ने वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के व्यासपीठ से किया । इस अवसर पर व्यासपीठ पर प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ समाचारपत्र दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के सहसंपादक श्री. संदीप शिंदे, अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. मुन्ना कुमार शर्मा (नई देहली) एवं हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी उपस्थित थे ।
इस अवसर पर विधायक टी. राजा सिंह ने कहा,
१. तेलंगाना एवं आंध्रप्रदेश में वहां के राजकर्ता धर्मांधों का तुष्टीकरण कर रहे हैं । मुसलमानों के तुष्टीकरण के लिए मस्जिदों का निर्माण करना, मदरसों को अनुदान देना, मौलवियों को वेतन देना जैसे कामों के लिए धन दिया जाता है; परंतु गोरक्षा करनेवाले हिन्दुओं पर अपराध पंजीकृत किए जाते हैं । बंगाल की भांति तेलंगाना में भी हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहे हैं ।
२. सामाजिक प्रसारमाध्यमों से हिन्दुओं को जागरूक किया जा सकेगा; किंतु सामाजिक प्रसारमाध्यमों के द्वारा हिन्दू राष्ट्र की स्थापना नहीं की जा सकेगी । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करने के लिए प्रत्येक हिन्दू को योगदान देना पडेगा ।
३. भारत में १०० करोड हिन्दू होते हुए भी हम उनमें से १ करोड हिन्दुओ को धर्मकार्य के लिए एकत्र नहीं कर सकते । आनेवाले संकटों के प्रति हिन्दू अनभिज्ञ हैं । अनेक राज्यों में हिन्दुओं की हत्याएं की जा रही हैं । तो क्या हिन्दू धर्मांधों के हाथों मरने के लिए ही जीवित हैं ।
४. सभी हिन्दुओं को एकत्रित होकर भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग की, तो भारत देश हिन्दू राष्ट्र बनने में समय नहीं लगेगा । हिन्दुओं को हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए सरकार पर दबाव बनाना चाहिए ।
५. हिन्दुओं ने हिन्दुत्व का कार्य करने के लिए राजकर्ताओं को सत्ता पर बिठाया है । ‘आपने हिन्दुत्व के लिए कार्य नहीं किया, तो हम आपको सत्ता से नीचे उतारेंगे’, यह हिन्दुओं को राजकर्ताओं को बताने की आवश्यकता है ।
६. मुझे विकास के कार्य करने के लिए कुर्सी (पद) नहीं चाहिए, अपितु हिन्दू धर्म पर हो रहे आघा रोकने के लिए हिन्दुओं ने मुझे चुना है । सभी राजनेताओं को हिन्दुत्व का कार्य करने के लिए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजी से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है ।
७. स्वयं की रक्षा करने के लिए हिन्दू युवकों एवं युवतियों को शस्त्रविद्या सीख लेना अत्यंत आवश्यक है । शस्त्रविद्या सिखने से ही हिन्दू स्वयं की तथा धर्म की रक्षा कर सकेंगे ।
८. भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिए वर्ष २०२४ में भारत का प्रत्येक हिन्दू आवाज उठाएगा । हिन्दू जब जागरूक होंगे, तब धर्मांध भी शांत नहीं बैैठेंगे । उस समय क्या करना है ?, इसकी योजना धर्मांधों ने पहले से तैयार कर रखी है ।
९. हिन्दुओं की संख्या कहां पर अल्प है तथा किन क्षेत्रों में धर्मनिरपेक्ष हिन्दू हैं ?, इसकी धर्मांधों के पास प्रविष्टियां हैं । धर्मांध जब आक्रामक बनेंगे, तब ये हिन्दू भी मारे जाएंगे । इसलिए हिन्दुओं को कुंभकर्ण की नींद से जागकर समय रहते ही जागरूक होना चाहिए ।
१०. धर्मांध आतंकियों का रूप लेकर हिन्दुओं को मारने के लिए तैयार होकर बैठे हैं । प्रत्येक गांव के हिन्दू स्वयं की रक्षा के लिए शस्त्रविद्या सीख लें, अन्यथा भविष्य में धर्मांधों के हाथों हिन्दू मारे जाएंगे ।
११. हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को अहंकार छोडकर एकत्रित कार्य करना आवश्यक है । स्वयं को हिन्दुत्व का ठेकेदार कहलानेवालों को हिन्दुत्व का कार्य करनेवाले सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों से निकटता बनानी चाहिए ।
१२. आनेवाला काल भयंकर है । उस समय संकट का सामना करने के लिए तथा हिन्दुत्व की रक्षा के लिए हिन्दुओं को आगे आकर कार्य करने की आवश्यकता है ।
साधना से ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होगी !‘भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए हिन्दुओं को साधना करना आवश्यक है । हिन्दुओं को भगवान के चरणों में लीन रहकर हिन्दुत्व का कार्य करने की आवश्यकता है । साधना करने से ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होगी ।’- विधायक टी. राजासिंह, तेलंगाना |