बौद्धिक युद्ध लडने के लिए आचार्य चाणक्य की बुद्धीमत्ता तथा छत्रपति शिवाजी महाराज का शौर्य आत्मसात करना आवश्यक ! – संतोष केंचम्बा, संस्थापक अध्यक्ष, राष्ट्र धर्म संगठन
रामनाथी – ‘वैश्विक अखिल भारतीय हिन्दू महोत्सव’ के समय ‘राष्ट्र धर्म संगठन’ के संस्थापक अध्यक्ष श्री. संतोष केंचम्बा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया, ‘देश में झूठे कथानक (नॅरेटिव्ह्स) रचकर सामाजिक माध्यम से प्रसारित करने का कार्य युद्धस्तर पर आरंभ है । इस माध्यम से वैचारिक आक्रमण हो रहा है । यह ‘सायबर जिहाद’ है । इस ‘कथानक युद्ध’ से निपटने के लिए योग्य कथा तैयार कर उसका प्रसार करना होगा । यह बौद्धिक युद्ध लडने के लिए आचार्य चाणक्य की बुद्धिमत्ता तथा छत्रपति शिवाजी महाराज का शौर्य आत्मसात करना आवश्यक है । वह ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ के दूसरे दिन के तृतीय सत्र में बोल रहे थे । उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति का प्रसार योग्य पद्धति से होना चाहिए । हिन्दू संस्कृति का प्रसार करना यह हम सब का दायित्व है । भारत में गुरु-शिष्य परंपरा के अंतर्गत योग्य कथाओं के माध्यम से हिन्दू संस्कृति का प्रसार हो रहा है । यह परंपरा पुनर्जिवित कर कथाओं के माध्यम से हिन्दू संस्कृति का प्रसार करना आवश्यक है ।