जुनागड (गुजरात) में अनधिकृत दरगाह गिराने की नोटिस देने पर धर्मांध मुसलमानों द्वारा हिंसाचार !

  • १ व्यक्ति की मृत्यु, अनेक लोग घायल

  • पुलिस उपअधीक्षक सहित ४ पुलिस घायल

जुनागढ (गुजरात) – यहां अनधिकृत दरगाह के विरोध में महापालिका द्वारा नोटिस भेजे जाने पर ३०० से भी अधिक धर्मांध मुसलमानों ने १५ जून की रात प्रचंड हिंसाचार किया । उन्होंने पुलिस चौकी को अपना लक्ष्य बनाकर पुलिस पर आक्रमण किया । इसमें पुलिस उपअधीक्षक सहित ४ पुलिस घायल हो गए । उनके वाहनों की तोडफोड की । इसके साथ ही अन्य वाहन भी जलाए । भारी मात्रा में पथराव हुआ । इस अवसर पर धर्मांध मुसलमानों द्वारा ‘अल्लाहू अकबर’की (‘अल्लाह महान है’की) घोषणाएं दी जा रही थीं । पुलिस ने बचाव के लिए अश्रुगैस छोडी । इस हिंसाचार में एक की मृत्यु हो गई । हिंसाचार के प्रकरण में अब तक १७४ लोगों को बंदी बनाया गया है । इस हिंसाचार की घटना का वीडियो सामाजिक माध्यमों से प्रसारित हुआ ।

दरगाह हटाने के लिए ५ दिनों की समयमर्यादा दी गई थी । नोटिस को प्रतिसाद नहीं मिला । तदुपरांत प्रशासन ने कार्रवाई करने का निर्णय लिया । १६ जून को सांयकाल महापालिका का पथक दरगाह गिराने की नोटिस लगाने के लिए वहां गया था कि उसका विरोध करने के लिए धर्मांध मुसलमानों की भीड एकत्र हो गई थी । उन्होंने रास्ते से आती-जाती बसों के शीशे फोडे । इससे बस के यात्री घायल हो गए । तदुपरांत पुलिस के वाहनों की भी तोडफोड की और मोटरसाइकिलें भी जलाई ।

संपादकीय भूमिका 

  • ‘चोरी और सीना जोरी !’ इससे ध्यान में आता है कि इन उद्दंड धर्मांधों को अनधिकृत निर्माणकार्य करने पर भी कानून का कोई भय नहीं !
  • अनधिकृत निर्माणकार्य करते समय ही कार्यवाही क्यों नहीं की गई, इसकी भी छानबीन करने की आवश्यकता है !
  • गुजरात में भाजपा की सरकार के होते हुए धर्मांधों को इसप्रकार हिंसाचार करने का दुस्साहस नहीं होना चाहिए, ऐसा हिन्दुओं को लगता है !