विश्व को भारत की सुनने की इच्छा  ! – परराष्ट्रमंत्री डॉ. एस्. जयशंकर

राहुल गांधी की कथा देश में नहीं चलतीं, इसलिए वे परदेश जाते हैं, ऐसी टिप्पणी !

परराष्ट्रमंत्री डॉ. एस्. जयशंकर

नई देहली – आज लोगों को भारत की सुननी है और उन्हें लगता है कि भारत के साथ काम करने पर उनका प्रभाव बढेगा । विश्व विशेषरूप से दक्षिण गोलार्ध के देश भारत को उनके‘विकास भागीदार’के रूप में देखते हैं, ऐसा विधान भारत के परराष्ट्रमंत्री डॉ. एस्. जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ९ वर्षों की परराष्ट्र नीतियों के कार्य की जानकारी देते हुए किया । ‘नाटो प्लस’ देशों में भारत का समावेश करने की अमेरिकी सांसदों की मांग पर डॉ. जयशंकर बोले, ‘हमें किसी सांचे में नहीं रहना है । यह भारत की नीति है ।

इस अवसर पर एक पत्रकार ने राहुल गांधी के परदेश दौरों के विषय में जयशंकर से प्रश्न पूछा । उस पर जयशंकर ने कहा, जब उनकी रची कथा देश में नहीं चलती, तब वे समर्थन के लिए परदेश में जाते हैं । उन्हें (राहुल गांधी को) आदत है कि वे बाहर जाने पर देश पर टिप्पणी करते हैं । हमारी राजनीति पर बोलते हैं ।

देश में चुनाव होते हैं; चुनाव में कभी एक पक्ष जीतता है, तो कभी दूसरा पक्ष ! देश में लोकतंत्र न हो, तो ऐसा परिवर्तन नहीं होता । हमें पता है कि वर्ष २०२४ के चूनाव का परिणाम ऐसा ही होगा ।