पूना की ऐतिहासिक पर्वती पहाडी पर अवैध मजार !
(मजार अर्थात मुसलमानों की मृतदेह गाडने का स्थान)
पूना – ऐतिहासिक महत्व की पर्वती पहाडी पर मुसलमानों ने अवैध मजार निर्माण करने का सामने आया है । इस पहाडी पर पूना के लोगों का बहुत आना-जाना रहता है । (सामने हो रहा इस्लामी अतिक्रमण किसी को भी कैसे नहीं दिखा ? निद्रिस्त हिन्दुओं ने अब तो जागरूक और संगठित होकर धर्मांधों के इस ‘लैंड जिहाद’ के षड्यंत्र को निष्फल करना चाहिए ! – संपादक) इस प्रकार ‘इस पहाडी पर मजार का निर्माण कर मुसलमान यहां की खुली जगह हडपने का प्रयास कर रहे हैं’, ऐसा आरोप लगाया जा रहा है । प्रत्यक्ष में भी वहां अब मुसलमान नमाज पढने के लिए जमा हो रहे हैं । कुछ जागरूक नागरिकों ने यह मामला सामाजिक माध्यमों द्वारा उजागर किया ।
(सौजन्य : TV9 Marathi)
१. पहाडी पर स्थित खुली जमीन पर इस मजार का निर्माण किया गया है । मजार के चारों ओर चबूतरे समान निर्माण कार्य किया गया है । इस संबंध में नागरिकों ने पर्वती चुनाव क्षेत्र की विधायक माधुरी मिसाळ से संपर्क कर उन्हें इसकी जानकारी दी ।
२. विधायक मिसाळ ने कार्यकर्ताओं को प्रत्यक्ष उस स्थान पर जाकर देख कर पुलिस में शिकायत करने की सूचना दी ।
३. भाजपा के पूर्व सभागृह नेता धीरज घाटे ने भी इस संबंध में दत्तवाडी पुलिस थाने में निवेदन दिया है । साथ ही वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक पायगुडे को भी यह संपूर्ण प्रकरण तत्परता से जांच करने की मांग निवेदन द्वारा की है । इसी विषय के संबंध में ६ जून के दिन दो विभागों के अधिकारियों को और पूना महापालिका के आयुक्त को भी निवेदन दिया गया है ।
४. वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक पायगुडे ने बताया कि, हमें इस विषय में शिकायत मिली है । हम उसकी जांच कर रहे हैं । यह मजार पुरानी होने की जानकारी नागरिकों ने दी है । (‘मजार पुरानी है’ अर्थात यह वैध है, ऐसा पुलिस निरीक्षक का कहना है क्या ? – संपादक) सभी संबंधित विभागों की प्रविष्टिनुसार वस्तुस्थिति जांची जाएगी । जल्द में किसी निष्कर्ष पर आना सही नहीं ।
पर्वती पहाडी की विशेषताएंपर्वती पहाडी और उस पर स्थित मंदिर, साथ ही वहां स्थित पेशवाओं का वस्तु संग्रहालय ,ये पूना शहर के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं । मराठा साम्राज्य के प्रधानमंत्री नानासाहब पेशवा ने पर्वती पहाडी पर श्री देवदेवेश्वर मंदिर का निर्माण किया था । साथ ही वहां कार्तिकेय, विष्णु, विट्ठल-रुक्मिणी इत्यादि देवताओं के मंदिर भी हैं । |
संपादकीय भूमिका
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