मैं समलैंगिक विवाहों के १०० प्रतिशत विरोध में हूं ! – सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व न्यायाधीश कुरियन जोसेफ

नई देहली – मैं समलैंगिक विवाहों के १०० प्रतिशत विरोध में हूं, ऐसा विधान सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व न्यायाधीश कुरियन जोसेफ ने किया । यह समाचार ‘लाईव लॉ’ इस वृत्तजालस्थल ने दिया है ।

भूतपूर्व न्यायाधीश कुरियन जोसेफ बोले,

१. विवाह का उद्देश्य ही अलग होता है । विवाह का मूल पुरुष एवं स्त्री का मिलन है । समलिंगी संबंध ‘यूनियन’ अथवा ‘असोसिएशन’ समान है । विवाह के उपरांत स्त्री एवं पुरुष एकत्र आकर बच्चों को जन्म देते हैं ।

२. समलिंगी विवाह नैतिकता के अनुरूप नहीं । समलिंगी संबंध रखना, एकत्र रहना, मित्रता होना, घनिष्ठता होना, विशेष मित्र होना, यह सब हो सकता है; परंतु उनमें विवाह नहीं हो सकता । विवाह यह भिन्न संकल्पना है । विवाह का समाज में एक विशेष स्थान है । समलिंगी संबंध, यह एक ऐसा प्रकार है जो विवाह के मूल उद्देश्य पर प्रभाव डाल सकता है ।

३. समलिंगी विवाह ऐसा सूत्र है जो धर्म एवं संस्कृति से जुडा है । इस सूत्र पर नैतिक स्तर पर वाद-विवाद होना चाहिए । इस ओर देखने का एक भिन्न दृष्टिकोण होना चाहिए; परंतु अब प्रकरण सर्वोच्च न्यायालय में है । इसलिए मैं इस पर अधिक कुछ कहने का इच्छुक नहीं ।