(अब इनकी सुनिये….) ‘हिजाब एवं गोहत्या पर प्रतिबंध हटाएं !’

हिन्दूद्वेषी ‘एम्नेस्टी इंडिया’ की कर्नाटक की कांग्रेस सरकार से मांग !


नई देहली – भारत तथा हिन्दू विरोधी मानवाधिकार संगठन ‘एम्नेस्टी इंटरनैशनल’ की भारतीय शाखा ‘एम्नेस्टी इंडिया’ की ओर से कर्नाटक की नवनिर्वाचित कांग्रेस सरकार के लिए हिन्दू विरोधी मांगों की एक सूची जारी की गई है । इसमें राज्य में पाठशाला तथा महाविद्यालयों में लगाया हिजाब पर प्रतिबंध हटाने, गोहत्या को अनुमति देने तथा मंदिरों के समीप स्थित मुसलमानों की दुकानों का बहिष्कार करने के विरुद्ध कार्यवाही करने जैसी मांगें की गई हैं । इस संदर्भ में कुछ ट्वीट्स करते हुए संगठन द्वारा ये मांगें की गई हैं ।

(सौजन्य: India Today)

१. ‘एम्नेस्टी इंडिया’ ने कहा है कि हिजाब पर प्रतिबंध मुसलमान लडकियों की अभिव्यक्ति स्वतंत्रता, धर्म स्वतंत्रता तथा शिक्षा के अधिकार में विकल्प चुनने पर बाध्य करता है । इसलिए इन लडकियों की समाज में सम्मिलित होने की क्षमता पर परिणाम होता है ।

२. ‘एम्नेस्टी इंडिया’ ने राज्य के गोहत्या प्रतिबंधक कानून की शर्तों का अध्ययन करने के साथ उन्हें रद्द करने की मांग की है । गोहत्या तथा धर्म परिवर्तन पर प्रतिबंध के संदर्भ में बनाए गए कानूनों का अनूचित उपयोग हो सकता है तथा इसका प्रयोग अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हत्यारे के समान हो सकता है, ऐसा कहा है ।

३. मुस्लिम दुकानदारों पर बहिष्कार के संदर्भ में ‘एम्नेस्टी इंडिया’ ने कहा है कि राज्य में चुनाव से पूर्व मुसलमानों पर आर्थिक बहिष्कार तथा हिंसा करने का आवाहन किया गया था । धर्म तथा जाति पर आधारित भेदभाव तथा अपराध रोकने के लिए प्रयास करना चाहिए ।

शीघ्र ही उचित निर्णय लिए जाएंगे ! – कांग्रेस

“एम्नेस्टी इंडिया’ की मांगों पर कर्नाटक की विधान परिषद में कांग्रेस के विधायक प्रकाश राठोड ने कहा कि सरकार ने कुछ दिन पूर्व ही कामकाज हाथ में लिया है । मुझे आशा है कि इस संदर्भ में शीघ्र ही उचित निर्णय लिए जाएंगे ।

संपादकीय भूमिका 

  • यद्यपि एम्नेस्टी संस्था पूरे विश्व में ऐसा कहती है कि ‍वह मानवाधिकार के लिए काम करती है, तब भी समय-समय पर यह बात सामने आई है कि वह हिन्दूद्वेषी तथा भारत विरोधी कार्यवाहियां करती है । अभी भी उसकी मांगों से उसका भारतद्वेषी तथा हिन्दूद्वेषी स्वरूप सामने आया है !
  • जब  हिन्दुओं पर कट्टर मुसलमानों द्वारा आक्रमण होते हैं, जब कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी आदि पार्टियों की सरकारें हिन्दू विरोधी कानून पारित करती हैं, तब यह संस्था मौन रहती है, यह ध्यान में लें !