नई संसद भवन के उद्घाटन पर १९ राजकीय पक्षों का बहिष्कार
प्रधानमंत्री के स्थान पर राष्ट्रपति के हस्तों उद्घाटन करने की मांग
नई देहली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी २८ मई को संसद की नई इमारत का उद्घाटन करनेवाले हैं । इस इमारत का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्तों होने की मांग करते हुए देश के १९ विरोधी पक्षों ने उद्घाटन के कार्यक्रम पर बहिष्कार डालने का निर्णय लिया है । उन्होंने संयुक्त निवेदन द्वारा यह जानकारी दी । कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड मुन्नेत्र कळघम (द्रविड प्रगति संघ), राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल (संयुक्त), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पक्ष, उद्धव ठाकरे का शिवसेना गुट, भारतीय कम्युनिस्ट पक्ष, झारखंड मुक्ति मोर्चा, केरला कांग्रेस मणी, विदुथलाई चिरुथाईगल कच्छी, राष्ट्रीय लोक दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पक्ष, नैशनल कॉन्फरन्स एवं क्रांतिकारी समाजवादी पक्ष, मारुमलार्ची द्रविड मुन्नेत्रग आदि पक्ष इस कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं होंगे ।
इस संदर्भ में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘‘हमें पता था कि इस संदर्भ में विरोधियों द्वारा राजनीति की जाएगी; परंतु हमने सभी भो आमंत्रित किया है । हमारी इच्छा है कि इस कार्यक्रम में सभी सम्मिलित हों ।’’
National Democratic Alliance (NDA) says it unequivocally condemns the decision of 19 political parties to boycott the inauguration of the new Parliament building on 28th May.
“This act is not merely disrespectful; it is a blatant affront to the democratic ethos and… pic.twitter.com/SjcsoxeYMD
— ANI (@ANI) May 24, 2023
नए संसद भवन में राजदंड रखेंगे !
अमित शाह ने आगे कहा, नई संसद में राजदंड रखा जाएगा । जिस दिन संसद राष्ट्र को समर्पित होगी, उस दिन तामिलनाडु से आए विद्वान यह राजदंड प्रधानमंत्री को देंगे । वह संसद में रखा जाएगा । इससे पूर्व यह राजदंड प्रयागराज के संग्रहालय में रखा था ।
नई संसद के लिए ८६२ करोड रुपये खर्च
संसद की पुरानी इमारत ४७ सहस्र ५०० चौरस मीटर में थी और यह नई इमारत ६४ सहस्र ५०० चौरस मीटर में बनाई गई है । नया संसद भवन ४ मंजिला है । उसके ३ प्रवेशद्वार हैं । उनके नाम हैं ज्ञान द्वार’, ‘शक्ति द्वार’ एवं ‘कर्म द्वार’! सांसद एवं अतीमहत्त्वपूर्ण व्यक्तियों के लिए स्वतंत्र प्रवेशद्वार है । इस इमारत पर भूकंप का परिणाम नहीं होगा । इस इमारत के शिल्पकार बिमल पटेल हैं । इस इमारत की निर्मिति के लिए ८६२ करोड रुपए खर्च किए गए हैं । केवल २८ महीनों में यह इमारत बनाई गई है । इस संसद में आसन क्षमता पुराने संसद भवन की तुलना में अधिक है । वर्तमान में लोकसभा की आसनक्षमता ५९० है । नई लोकसभा में और ३३६ अधिक लोग दर्शक के रूप में बैठ सकते हैं । वर्तमान में राज्यसभा की आसनक्षमता २८० है । नई राज्यसभा में ३८४ सीटे हैं और दर्शकों के लिए ३३६ से अधिक सीटें हैं ।
वर्तमान का संसद भवन ९६ वर्षों पूर्व अर्थात वर्ष १९२७ में निर्माण किया गया था । मार्च २०२० में सरकार ने संसद में बताया कि पुरानी इमारत अधिक उपयोग किया गया है और वह खराब हो रही है । इसके साथ ही लोकसभा में बढती सांसद संख्या के कारण उनके बैठने के लिए पुरानी इमारत में पर्याप्त जगह नहीं है । इसलिए नई इमारत बनाई जा रही है ।