फरीदाबाद (हरियाणा) में भव्य ‘हिन्दू एकता शोभायात्रा’ के माध्यम से ‘हिन्दू राष्ट्र’ का संकल्प
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फरीदाबाद (हरियाणा) – सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में सनातन संस्था की ओर से यहां भव्य ‘हिन्दू एकता शोभायात्रा’ निकाली गई । इस शोभायात्रा के माध्यम से १५० से अधिक हिन्दुओं ने ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना के लिए एकत्रित होने का संकल्प लिया ।
सिद्धपीठ हनुमान मंदिर में श्री. यशपाल मेहंदीरत्ता (राजूजी) तथा मंदिर समिति के अन्य सदस्यों के हस्तों ब्रह्मध्वज का पूजन किया गया । उसके उपरांत शंखनाद से शोभायात्रा का आरंभ हुआ । शहर के प्रमुख मार्ग से होकर सनातन धर्म मंदिर के पास इस शोभायात्रा का समापन किया गया । इस अवसर पर प्रभु श्रीराम के जयघोष से वातावरण भक्तिमय बन गया । इस अवसर पर सनातन संस्था की प्रवक्ता कु. कृतिका खत्री तथा हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने उपस्थित हिन्दुओं का मार्गदर्शन किया ।
शोभायात्रा में सम्मिलित हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन एवं धर्मप्रेमी
पीठ परिषद के हरियाणा प्रांत संयोजक श्री. प्रवीण गुप्ता, निष्काम सेवा समिति के प्रमुख श्री. हुकूमचंद पाली सेठिया, नेहा पब्लिक स्कूल के शिक्षकों सहित २५ छात्र, राजीव दीक्षित स्वदेशी रक्षक संघ के संस्थापक श्री. अरविंद त्यागी, युवा राष्ट्र चिंतन समिति के स्वयंसेवक, ३ जी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री. प्रेम खट्टर, अखिल विश्व गायत्री परिवार के साधक, ग्रीन इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट, बालाजी ग्रूप ऑफ इंस्टिट्यूशन के प्रतिनिधि, बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद, धर्मजागरण समन्वय के धर्मप्रेमी, हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता एवं सनातन संस्था के साधक आदि सहभागी थे ।
विशेषतापूर्ण
‘निष्काम सेवा समिति’ के प्रमुख श्री. हुकुमचंद पाली सेठिया तथा ‘३ जी मार्केट एसोसिएशन’ के अध्यक्ष श्री. प्रेम खट्टर, इन दोनों ने यह शोभायात्रा देखकर कहा, ‘‘जिस प्रकार फरीदाबाद में यह शोभायात्रा निकाली गई, उस प्रकार की शोभायात्रा हमने इससे पूर्व कभी नहीं देखी थी ।’’ |
संगठित शक्ति है कलियुग की धर्मशक्ति ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समितिहिन्दू राष्ट्र की स्थापना का हमारा निश्चय तो है ही; परंतु उसके साथ हमें अपने पडोसी, मित्रपरिवार एवं संबंधियों को भी हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य में सम्मिलित कर लेना चाहिए । संगठित शक्ति को कलियुग की धर्मशक्ति माना जाता है; इसलिए हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए सभी हिन्दुओं को संगठित होकर प्रयास करना आवश्यक है । |