सरकारी भूमि पर अवैध धार्मिक निर्माण तोडना अनिवार्य है ! – उत्तराखंड उच्च न्यायालय की स्पष्टोक्ति
कब्रों पर कार्यवाही रोकने हेतु याचिका प्रविष्ट करने से मुसलमानों को उच्च न्यायालय ने १ लाख रुपए का दंड सुनाया !
देहरादून (उत्तराखंड) – राज्य सरकार द्वारा सरकारी भूमि पर किए गए अवैध निर्माण तोडने के विरुद्ध प्रविष्ट याचिका पर सुनवाई करते समय उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ‘अवैध निर्माण ध्वस्त करने चाहिए । इसमें धर्म का विचार न करें । इस प्रकार की याचिका प्रविष्ट करनेवाले लोगों को लोकप्रियता चाहिए’, ऐसा कहते हुए याचिकाकर्ता को १ लाख रुपए का दंड सुनाया । हमजा राव के साथ अन्य कुछ लोगों ने मिल कर यह याचिका प्रविष्ट की थी । उन्होंने कहा कि सरकार एक विशेष धर्म के निर्माणकार्य तोड रही है । यह कार्यवाही रोकी जाए तथा तोडी गई कब्रें (मुसलमान फकीरों की कब्रें ) पुन: बनाई जाएं ।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता बिलाल अहमद ने इससे पूर्व चंदन पीर बाबा की कब्र पर की गई कार्यवाही के विरुद्ध प्रविष्ट याचिका न्यायालय ने अस्वीकार कर दी थी । सरकार ने अब तक सरकारी भूमि पर अवैध रूप से निर्माण की गई ३३० कब्रें तोड दी हैं ।
संपादकीय भूमिका
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