शरिया कानून में एकतरफा तलाक की प्रक्रिया को समाप्त करें ! – क्रिकेटर मोहम्मद शमी की पत्नी
‘तलाक’ के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में याचिका; न्यायालय ने केंद्र सरकार को भेजा ज्ञापन !
नई देहली – भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां ने कहा है कि शरिया कानून की पीडिता होने के कारण उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की है । उन्होंने एकतरफा विवाह विच्छेद (तलाक-उल-हसन) की सहमति देनेवाले शरिया के प्रावधानों का विरोध किया है तथा उनके उन्मूलन की मांग की है । उन्होंने यह भी मांग की है कि तलाक की प्रक्रिया को भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत लाया जाए । उनका कहना है कि शरिया के प्रावधान पुरुषों को अपनी पत्नियों को अपनी स्वेच्छा से विवाह विच्छेद करने की अनुमति देते हैं ।
मुस्लिम औरतों का 'दर्द' लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुँची मोहम्मद शमी की बीवी, खुद को बताया- शरीयत पीड़ित: कहा- सनक में छोड़ देते हैं मर्द#HasinJahan #MohammedShami #SupremeCourt #Divorce https://t.co/1lJRCfafFp
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) May 16, 2023
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया है एवं इस संबंध में केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजा है । उन्होंने यह भी कहा कि इस याचिका पर ‘तलाक-ए-हसन’ से जुडी सभी लंबित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की जाएगी ।
The #SupremeCourt issued notice to concerned respondents on the plea filed by Indian Cricket Team player #MohammadShami's wife, Hasin Jahanhttps://t.co/4IiqevFH4R
— Hindustan Times (@htTweets) May 16, 2023
याचिका में कहा गया है कि
१. मुस्लिम पुरुष शरीयत के नियमों के अनुसार मध्यस्थता आदि के लिए कोई समय दिए बिना सीधे महिलाओं को विवाह विच्छेद करने का निर्णय सुना देते हैं, जिसके फलस्वरूप बिना किसी चर्चा के विवाह विच्छेद का निर्णय महिलाओं पर थोप दिया जाता है ।
२. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के ‘शरीयत अधिनियम – १९३७ ‘ के अंतर्गत धारा २, भारत के संविधान के अनुच्छेद १४,१५,२१ एवं २५ के अंतर्गत नागरिकों को दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है । इसलिए इसे असंवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए ।
३. धर्म अथवा लिंग के आधार पर बिना किसी भेदभाव के विवाह विच्छेद के संबंध में देश में एक समान कानून होना चाहिए ।
४. मोहम्मद शमी ने २३ जुलाई २०२२ को अपनी पत्नी हसीन जहां को तलाक का ज्ञापन भेजा था । दोनों पिछले ४ वर्षों से अलग रह रहे हैं तथा शमी उन्हें १ लाख ३० सहस्र रुपए प्रति प्रतिमाह भत्ता दे रहे हैं । दोनों की एक बेटी है, जो उनकी पत्नी अर्थात अपनी मां के साथ रहती है ।
संपादकीय भूमिका
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