क्या ऐसे नेता देश का भला कर सकते हैं ?
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘अधिकांश राजनीतिक दलों के कुछ कार्यकर्ता ही नहीं, कुछ नेता भी वेतन प्राप्त सेवक के समान होते हैं । किसी अन्य दल ने अधिक पैसे दिए, तो वे उस दल के कार्यकर्ता अथवा नेता बन जाते हैं ! ऐसे कार्यकर्ता अथवा नेता क्या कभी देश का भला कर पाएंगे ?’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक