यह भारत के लिए लज्जाजनक !
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘आजकल अधिकांश लेनदेन के कुल खर्च में अधिकृत खर्च के साथ ‘घूस देने में कितना खर्च होगा ?’, इसका भी हिसाब रखते हैं !’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक