भारत की सरकारी संस्थाओं पर धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने का आरोप
(यह देखिए !) अमेरिका के आंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग की नई खोज ?
वॉशिंग्टन – अमेरिका के आंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने अपना वार्षिक ब्योरा प्रस्तुत किया है । इसके अंतर्गत उसने अमेरिका के परराष्ट्र विभाग को धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर भारत को ‘विशेष चिंताजनक देश’ के रूप में घोषित करने के लिए कहा है । भारत में सरकारी संस्था एवं अधिकारियों पर धार्मिक स्वतंत्रता का ‘गंभीर उल्लंघन’ का आरोप कर बायडेन प्रशासन को उन पर निर्बंध लगाने का आवाहन किया है । इसके साथ ही अमेरिका की काँग्रेस को अमेरिका-भारत द्विपक्षीय बैठक में धार्मिक स्वतंत्रता का सूत्र उपस्थित कर उस पर सुनवाई की अनुशंसा (सिफारिश) की है ।
US: US commission demands ban on Indian agencies, alleges 'violation' of religious freedom https://t.co/htYJ4tspBA
— News247plus (@news247plus_) May 2, 2023
आंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने अपने ब्योरे में आरोप किया है कि वर्ष २०२२ में भारत की धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति सतत गिरती जा रही थी । वर्षभर में भारत सरकार ने राष्ट्रीय, राज्य एवं स्थानीय स्तर पर धार्मिक भेदभाव करनेवाली नीतियों को प्रोत्साहन दिया । इसमें धर्मपरिवर्तन, आंतरधर्मीय संबंध, हिजाब एवं गोहत्या जैसे कानूनों का समावेश है । इससे मुसलमान, ईसाई, सिक्ख, दलित एवं आदिवासियों पर नकारात्मक परिणाम होना बताया है ।
ब्योरा पूर्णरूप से निर्णायक नहीं ! – वेदांत पटेल
अमेरिका के परराष्ट्र विभाग के उपप्रवक्ता वेदांत पटेल ने पत्रकारों से संवाद करते समय कहा कि, ‘आंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग’यह परराष्ट्र विभाग की शाखा नहीं है । यह ब्योरा पूर्णरूप से निर्णायक नहीं है, इसलिए इसे स्वीकारना भारत के परराष्ट्र विभाग के लिए बंधनकारक नहीं है।
संपादकीय भूमिका
|