यदि ऐसा है, तो क्या राहुल गांधीं के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट करने की मांग की गई थी ? – हिन्दू जनजागृति समिति का जातीय द्वेषियों से प्रश्न
पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित ज्येष्ठ प्रवचनकार पू. डॉ. अप्पासाहेब धर्माधिकारी के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट करने की मांग जातीयद्वेष के कारण !
नई मुंबई – कुछ दिन पूर्व ही खारघर में ज्येष्ठ प्रवचनकार पू. डॉ. अप्पासाहेब धर्माधिकारी को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार दिया गया । भरी दोपहर में कार्यक्रम होने के कारण लू लगने से १४ श्री सेवकों की मृत्यु होने के प्रकरण में ज्येष्ठ प्रवचनकार पू. डॉ. अप्पासाहेब धर्माधिकारी के विरुद्ध सदोष मनुष्यवध का अपराध प्रविष्ट करने की मांग कुछ ब्रिगेडी तथा तथाकथित इतिहास संशोधकों ने की । हिन्दू जनजागृति समिति यह प्रश्न उठाया है कि क्या ऐसी मांग करनेवालों ने जब कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की ‘भारत-जोडो’ यात्रा में पंजाब में कांग्रेस के सांसद संतोषसिंह चौधरी तथा महाराष्ट्र में कांग्रेस सेवा दल के महासचिव कृष्णकांत पांडे के साथ अनेक लोगों की मृत्यु हुई थी, तब राहुल गांधी पर सदोष मनुष्यवध का अपराध प्रविष्ट करने की मांग की थी ? समिति ने ऐसा भी कहा है कि यह मांग केवल जातीय द्वेष से की गई है । इसलिए समिति इसका तीव्र शब्दों में निषेध करती है ।
समिति ने आगे कहा कि प्रत्येक घटना की ओर जातीयद्वेष तथा राजनीतिक लाभ के माध्यम से देखनेवाले इन संगठनों का इतिहास विवादग्रस्त है । थाने में हाल ही में एक पार्टी के आंदोलन के समय भी एक महिला कार्यकर्ता की हृदयविकार के झटके से मृत्यु हो गई थी । इतना ही नहीं, अपितु अनेक राजनीतिक पार्टियों के आंदोलन में अथवा कार्यक्रम के अवसर पर ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं । उस समय ऐसी मांग कोई नहीं करता । परंतु विशाल सेवाकार्य करनेवाली आध्यात्मिक संस्था को लक्ष्य करने हेतु उसके प्रमुखों के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट करने की मांग करना जातीय द्वेष ही है ।
समिति ने यह भी कहा कि खारघर में हुई घटना पऱ स्वयं ज्येष्ठ निरुपणकार पू. धर्माधिकारी ने दु:ख व्यक्त किया है । इसके साथ राज्य सरकार ने भी ऐसी घटनाएं पुन: न होने हेतु विविध समाधान ढूंढना प्रारंभ किया है । सरकार ने इस प्रकरण में जांच समिति भी नियुक्त की है । इसलिए आरोप-प्रत्यारोप करने की अपेक्षा सकारात्मक पद्धति से सहायता क्या कर सकते हैं ?, इसके लिए दायित्व लेने की आवश्यकता है ।