उर्दू विद्यालय के मुसलमान प्रधानाध्यापिका ने हिन्दू शिक्षिका पर छात्रों की झूठी उपस्थिति दिखाने का दबाव डाला !
झूठी उपस्थिति दिखाकर सरकारी अनुदान प्राप्त करने के लिए करते हैं ठगी !
दावणगेरे (कर्नाटक) – यहां के एक उर्दू विद्यालय में कार्यरत एक हिन्दू शिक्षिका पर प्रधानाध्यापिका रुमिनाज ने यह दिखाने का दबाव डाला कि ‘विद्यार्थी विद्यालय नहीं आने पर भी उनकी उपस्थिति दर्शाई जाए ‘ । रूमिनाज ने इस हिन्दू शिक्षिका को पिछले ३ महीने से वेतन नहीं दिया था क्योंकि हिन्दू शिक्षिका ने कहा था कि वह ऐसी झूठी उपस्थिति नहीं दिखाएगी । जिसके कारण शिक्षिका ने पुलिस थाने में अभियोग प्रविष्ट कराया । इस अभियोग में शिक्षिका ने मांग की है कि ‘छात्र कक्षा में उपस्थित नहीं होते और सरकार को झूठा प्रतिवेदन प्रस्तुत करके अनुदान प्राप्त किया जाता है ।’
झूठा प्रतिवेदन देकर सरकारी अनुदान लेने वाले विद्यालयों की मान्यता निरस्त करें! – हिन्दू जनजागृति समिति !
इस घटना पर सामाजिक माध्यम को प्रतिक्रिया देते हुए हिन्दू जनजागृति समिति के प्रदेश प्रवक्ता श्री. मोहन गौडा ने कहा, ‘राज्य में सहस्त्रों उर्दू विद्यालय हैं और शिक्षा विभाग के पास कई शिकायतें आई हैं कि ‘विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति के संबंध में झूठे प्रतिवेदन प्रस्तुत कर सरकारी अनुदान लिया जाता है।’ सरकार को राज्य भर के उर्दू-अरबी विद्यालयों और मदरसों में भ्रष्टाचार की जांच करनी चाहिए और ऐसे विद्यालयों की मान्यता त्वरित निरस्त करनी चाहिए।
संपादकीय भूमिकाकर्नाटक की भाजपा सरकार को उर्दू विद्यालयों में होने वालेऐसे भ्रष्टाचार का पता लगाना चाहिए और संबंधितों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए! |