सप्तर्षियों की आज्ञा से साधक सचल- दूरभाष पर बोलते समय ‘नमस्कार’ कहने की अपेक्षा ‘हरि ॐ’ कहकर वार्तालाप आरंभ करें !
सर्व साधकों के लिए महत्त्वपूर्ण सूचना
(श्रीसत्शक्ति) श्रीमती बिंदा सिंगबाळ‘सचल-दूरभाष से बोलते समय साधक ‘नमस्कार’ शब्द से संभाषण आरंभ करते हैं । आगे से सप्तर्षियों की आज्ञा के अनुसार सचल-दूरभाष से बोलते समय सर्व साधक ‘हरि ॐ’ कहकर आपस में बोलना आरंभ करें । साधकों को प्रत्यक्ष मिलने पर उनसे बात करते समय ‘नमस्कार’ ही कहें । प.पू. भक्तराज महाराज ‘हरि ॐ तत्सत्’ जप करते थे । ‘हरि ॐ’ कहने से सर्व साधकों को प.पू. भक्तराज महाराजजी का स्मरण होगा साथ ही साधकों को उनका आशीर्वाद एवं चैतन्य भी मिलेगा ।
पाठक, शुभचिंतक एवं धर्मप्रेमियों से प्रत्यक्ष मिलने पर, तथा उनसे सचल-दूरभाष से बोलते समय सदा की भांति ‘नमस्कार’ कहकर ही संभाषण आरंभ करें ।’
– (श्रीसत्शक्ति) श्रीमती बिंदा सिंगबाळ, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा. (१०.३.२०२०)